राजनांदगांव(दावा)। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गीता साहू ने कहा है कि कोरोना संकट काल में छत्तीसगढ़ सरकार लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बजाय शराब की होम डिलीवरी करा रही है। अस्पतालों में पड़े कोरोना मरीज रेमडीसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन के लिए तरस रहे हैं। कई लोगों की जान भी चली गई है, किंतु सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है, बल्कि कोरोना काल में शराब बिकवा रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा कतई ही नहीं रही कि शराब बंद हो, जबकि उन्होंने चुनावी घोषणापत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया गया था। ढाई साल गुजर जाने के बाद भी कहीं एक प्रतिशत भी शराब बि क्री को बंद करने की दिशा में काम नही किया। ग्रामीण क्षेत्र के लोग आज दाने-दाने के लिए तरस रहे हैं। धान बोनस का पैसा अभी तक नहीं मिल पाया है। ऐसे समय में शराब की होम डिलीवरी लाकर घर में आर्थिक तंगी मारपीट और परिवार में विवाद लाना चाहती है। कोरोना और लाकडाउन के बाद से शराब दुकानें बंद हुई है, तब से किसी प्रकार की मारपीट या परिवारिक विवाद की शिकायतें नहीं आ रही है। ऐसे समय में तो सरकार को शराब की बजाय घर-घर राशन के साथ चना दाल, तिलहन, गेहूं सभी प्रकार की राशन सामग्री उपलब्ध करानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की किसान हितैषी कहने वाली सरकार किसानों की बचत राशि किसान न्याय योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि एकमुश्त जारी करे। कोरोना काल के चलते लोग दो महीने से अपने घर में ही बैठे हुए हैं, जिससे काम पूरी तरीके से बंद है, जिससे लोगों को खाने-पीने और अन्य सामान के लिए लोग तरस रहे हैं। आगे समय में किसानी का समय हैं। वर्तमान में रवि फसल बेमौसम बारिश के कारण काफी ज्यादा खराब हुई है, जिसे ध्यान में रखते हुए किसानों को मिलने वाली किसान न्याय योजना की पूरी राशि एकमुश्त जारी करे।