जिला पंचायत सदस्य राजेश श्यामकर ने की एफआईआर की मांग
राजनांदगांव(दावा)। जिला पंचायत सदस्य एवं भाजपा नेता राजेश श्यामकर ने राजनांदगांव विकासखंड अंतर्गत ग्राम जोरातराई में क्रेस्ट स्टील कंपनी प्रबंधन द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण काल एवं लाकडाउन अवधि में शासन के नियमों का खुला उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने क्रेस्ट स्टील कंपनी में प्रबंधन की लापरवाही के चलते पांच लोगों की मौत का खुलासा करते हुए कंपनी प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
श्री श्यामकर ने कहा कि कोरोना महामारी के इस संकट की घड़ी में शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है, किंतु उनके जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 09 के ग्राम जोरातराई मेें स्थित क्रेस्ट स्टील प्रायवेट लिमिटेड कंपनी, जिसे आर.पी. क्षितिज छाछरिया द्वारा प्रबंधन के साथ मिलीभगत कर गैरकानूनी तरीके से चलाकर कोरोना वायरस संक्रमण को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां कंपनी प्रबंधन की लापरवाही के चलते फैक्ट्री में अब तक पांच लोगों की अकाल मौत हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि सीए पीयूष अग्रवाल (नित्या कैपिटल रिसोर्स एडवायजर एलएलपी कर्मचारी) उम्र 40 वर्ष, जो फैक्ट्री में उत्पादन का काम देख रहे थे, की कोरोना संक्रमण से हाल ही में मौत हुई है। ऐसे ही चार छोटे कर्मचारी तथा ठेकेदार के मजदूर भी कोरोना की चपेट में आकर मौत के शिकार बन चुके हैं। श्री श्यामकर ने जिला प्रशासन से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से फैक्ट्री को बंद कर आसपास के गांवों में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने आवश्यक कदम उठाए और आर.पी. द्वारा गैरकानूनी तरीके से चलाई जा रही फैक्ट्री की जांच कराएं। साथ ही कंपनी में लोगों की असमय मौत के लिए आर.पी. के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
जिला पंचायत सदस्य श्री श्यामकर ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में फूड प्रोक्डशन से संबंधित कंपनियों/फैक्ट्रियों को चालू रखने का शासन का नियम है, इसके बावजूद के्रस्ट स्टील कंपनी प्रबंधन द्वारा आखिर किसके निर्देशन और संरक्षण में नियमों को दरकिनार कर फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है? यह जांच का विषय है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि क्रेस्ट स्टील कंपनी में कार्यरत मजदूरों को साल भर से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, इसलिए सभी कर्मचारियों का शीघ्र वेतन भुगतान कराने हेतु कंपनी प्रबंधन को निर्देशित करें, ताकि कोरोना काल और लाकडाउन अवधि में मजदूरों को आर्थिक तंगी से निजात मिल सके।