Home देश भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए आवश्यक है संयुक्त परिवार व्यवस्था

भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए आवश्यक है संयुक्त परिवार व्यवस्था

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भोपाल। आदर्श योग आध्यात्मिक योग परिवार दिवस के अवसर पर योग गुरु महेश अग्रवाल के सानिध्य में योग क्रियाए की गई। योग प्रशिक्षण के द्वारा लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की कला सीखाई गई। सभी सयुंक्त परिवारों को शुभकामनायें देते हुए योग गुरु अग्रवाल ने कहा कि योग का मतलब ही होता है सबको जोड़ना, जुड़े रहना। योग हमें अपने परिवार, अपने समाज, पशु -पक्षियों और समस्त संसार के साथ एक सूत्र में जुड़े होने की अनुभूति देता है, इस प्रकार योग ‘मैं’ से ‘हम’ की अनोखी यात्रा है। आज व्यक्ति आधुनिक जीवन शैली से उपजी समस्याओं से ग्रस्त है। तनाव, अवसाद (डिप्रेशन), मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां धीरे-धीरे व्यक्ति को मार रही हैं। योग इन सभी बीमारियों का समाधान देते हुए मन, शरीर और बुद्धि को संतुलित कर व्यक्ति के अंतद्वंद्व और तनाव को खत्म कर आनंद देता है।

इंटरनेशनल फैमिली डे को मनाने की वजह

योग गुरु ने कहा कि आधुनिक समाज में परिवारों का विघटन, इंटरनेशनल फैमिली डे का मनाने का प्रमुख कारण हैं यानि जीवन में संयुक्त परिवार की अहमियत बताना है। संयुक्त परिवार से जीवन में होने वाली उन्नति के साथ, एकल परिवारों और अकेलेपन के नुकसान के प्रति युवाओं को जागरूक करना भी विश्व परिवार दिवस का मूल उद्देश्य है। जिससे युवा अपनी बुरी आदतों (धूम्रपान, जुआ) को छोड़कर एक सफल जीवन की शुरुआत कर सकें। हर साल 15 मई को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की वैश्विक समुदाय परिवारों को जोड़ने वाली पहल के रूप में और परिवारों से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने, परिवारों को प्रभावित करने वाले आर्थिक, जनसांख्यिकीय और सामाजिक प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देने के लिए की गई थी। परिवार को आज भी समाज की एक मूल ईकाई माना जाता है। हर साल मई के महीने मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस को संयुक्त परिवार के महत्व और जीवन में परिवार की जरुरत को के प्रति युवाओं में जागरूकता फैलाने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है।

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