बहादुर अली ने किसानों की समस्याओं से प्रधानमंत्री को कराया अवगत
राजनंादगांव(दावा)। वरिष्ठ उद्योगपति समाजसेवी एबीस संस्थान प्रमुख व पोल्ट्री ब्रीडर एसोसियेशन के चेयरमेन बहादुर अली ने बताया कि सोयाबिन की बढ़ती कीमतों के कारण पोल्ट्री फार्मस, फिश फार्मस एवं डेयरी फार्मस उत्पादन कम हो रहे हैं। सोयाबीन सीड की बढ़ती कीमत के कारण उत्पाद की लागत में वृद्धि हुई है, जिसकी वजह से गौ चारा में उपयोग होने वाले सोया सीड की खपत में 30 प्रतिशत, मत्स्य पालन 40 प्रतिशत एवं मुर्गी पालन में 30 प्रतिशत की कमी आई है। भाव में भी गिरावट आई है।
श्री बहादुर अली ने कहा किसानों के विभिन्न परेशानियों के समाधान हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भारत सरकार के पशुपालन मंत्रालय को किसानों की इन समस्याओं से अवगत कराया गया है। भारत सरकार से आशा करते हैं कि पशुपालन मंत्रालय एवं भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय, वित्तमंत्रालय एवं कृषि मंत्रालय मिलकर जल्द ही सोयाबिन खल्ल (डीओसी) आयात करें एवं तीन राज्यों में आवश्यक वस्तु अधिनियम (एसेंशियल कॉमोडिटी एक्ट) लागू करें।
पोल्ट्री ब्रीडर एसोसियेशन के चेयरमेन बहादुर अली ने उक्ताशय की जानकारी देते हुए आज वार्ता यूएनआई को बताया कि सोयाबीन सीड की कीमत पिछले सप्ताह से इस सप्ताह तक 83 हजार प्रति टन से 73 हजार रूपये प्रति टन हो गई है। अनुमान यह भी है कि आने वाले सप्ताह में सोयाबिन सीड की कीमत और भी गिरकर 60 हजार रूपये प्रति टन में बिक्री हो सकती है। श्री अली ने बताया कि केन्द्रीय पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग मुर्गी एवं डेयरी, किसानों की परेशानी के निवारण के भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, कृषि मंत्रालय से लगातार संपर्क में है ताकि सितंबर माह तक 12 लाख मिट्रिक टन, सोया डिओसी आयात कर इसका निवारण करें। उम्मीद है कि जल्द ही भारत सरकार 12 लाख मिट्रिक टन सोया खल्ल (डीओसी) आयात करने दे रही है। पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग में भारत सरकार से यह अनुरोध किया है कि सोया उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश राजस्थान,एवं महाराष्ट्र के सोया की बढ़ती कीमतों के कारण आवश्यक वस्तु अधिनियम लागू करें। जिस तरह देश में दाल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए यह एक्ट लागू कर रही है, जिससे स्टॉकिस्ट एवं जमाखोर द्वारा की जा रही सोयाबिन की जमाखोरी कम हो सके। पोल्ट्री ब्रीडर एसोसियेशन के चेयरमेन श्री अली ने बताया कि भारत के एक करोड़ से अधिक मत्स्य, मुर्गी एवं डेयरी किसानों और इन उद्योगों से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए लगभग पांच करोड़ रोजगार प्रभावित हुए हैं। अत: किसानों की इस सब परेशानियों के समाधान हेतु एसोसियेशन ने प्रधानमंत्री एवं भारत सरकार के पशुपालन मंत्रालय को किसानों की इन समस्याओं से अवगत कराया है। भारत सरकार तीन राज्यों में आवश्यक वस्तु अधिनियम लागू करें।