तालाब सौंदर्यीकरण के लिए तीन साल पूर्व स्वीकृत, एक वर्ष पूर्व ले-आऊट के भी कार्य अप्रारंभ
डोंगरगांव (दावा)। नगर के सेवताटोला तालाब को तीन माह पूर्व सफाई के नाम पर तोडक़र पानी बहाया गया परन्तु इन तीन माह में काम के नाम पर कुछ भी नहीं हो पाया है. स्थिति यह है कि नगर के विभिन्न वार्डों में निस्तारी तथा मवेशियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. वहीं आगामी दिनों मेें मानसून की दस्तक समय से पूर्व तय है ऐसे में काम को लेकर सवालिया निशान उठने लगे हैं. बता दें कि नगर के एक बड़े हिस्सा का पानी उक्त सेवताटोला तालाब में जाता है और तालाब को दो भागों में बांटकर शिल्ट की सफाई का काम के साथ ही सौंदर्यीकरण की योजना प्रस्तावित थी परन्तु काम के नाम पर मात्र टो-वॉल ही आधी-अधूरी खड़ी दिखाई दे रही है.
जानिये क्या है स्वीकृति
नगर पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा शासन काल के दौरान वर्ष 2016-17 में राज्य परिवर्तित योजनान्तर्गत लगभग 50 लाख रूपये की स्वीकृति सेवताटोला तालाब के सौंदर्यीकरण, सफाई व अन्य कार्यों के लिए प्रदान की गई थी. स्वीकृति के लगभग तीन वर्ष पश्चात बीते वर्ष 4 जून को उक्त कार्य का कार्यादेश उपरांत ले आऊट दिया गया था. जिसमें मुख्य रूप से तालाब की सफाई व सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाना था. इसे लापरवाही ही कहेंगे कि लेआऊट के सात माह बाद जनवरी माह में तालाब के पार को तोडक़र खाली किया था. वहीं लगभग चार माह का समय बीतने को है परन्तु काम के नाम पर ठेकेदार के व्दारा मात्र टो-वॉल का निर्माण कार्य किया गया है जबकि सफाई का कार्य अब तक शून्य है. ऐसे में विभाग की कार्यवाही पर नगरवासियों के व्दारा लगातार सवाल खड़े किया जा रहा है.
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जानिए क्या क्या बनना है
सेवताटोला तालाब सौंदर्यीकरण के अंतर्गत नपं से मिली जानकारी के अनुसार लगभग पचास लाख रूपये की लागत से सौंदर्यीकरण किया जाना प्रस्तावित है जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति आज से 4 वर्ष पूर्व 16 मई 2017 को जारी की गई थी. इसमें तीन पचरी, टो-वॉल व पिचिंग, वेस्ट वॉटर इनलेट व आऊटलेट, सौंदर्यीकरण के लिए पाथ-वे, लाईटिंग व वृक्षारोपण तथा मुख्य रूप से तालाब की सफाई व सरफेस की ड्रेसिंग शामिल है परन्तु मौके में मात्र टो-वॉल का ही निर्माण कार्य दिखाई दे रहा है.