रायपुर, धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन में खेती के कुल रकबे के करीब 81 फीसद हिस्से में धान की खेती होती है। इससे राज्य में धान की पैदावार तो भरपूर होती है, लेकिन बाकी फसल नाम मात्र की होती है। इसे देखते हुए सरकार खेती में विविधता लाने की कोशिश कर रही है। धान का रकबा पांच फीसद कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके स्थान पर दलहन-तिलहन की खेती को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही किसानों को सुगंधित और फोर्टिफाइड धान लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पिछले वर्ष के 68 हजार 558 हेक्टेयर की तुलना में इस वर्ष सुगंधित और फोर्टिफाइड धान का रकबा बढ़ाकर दो लाख 47 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य है।
कृषि विभाग के अफसरों के अनुसार इस साल मक्के के रकबे में 25 व अन्य अनाज की फसलों के रकबे में 43 फीसद की बढ़ोतरी का लक्ष्य है। पिछले सीजन में मक्के की बोनी दो लाख छह हजार 630 हेक्टेयर में की गई थी, जिसे बढ़ाकर दो लाख 58 हजार 230 हेक्टेयर और अन्य अनाज की फसलों का रकबा 71 हजार 290 हेक्टेयर से बढ़ाकर एक लाख एक हजार 840 हेक्टेयर किए जाने का लक्ष्य है।
दलहन-तिलहन का रकबा 20 से 32 फीसद तक बढ़ाने की योजना
इस साल दलहनी फसलों के रकबे में 20 और तिलहनी फसलों के रकबे में 32 फीसदी की बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया है। अन्य फसलों के रकबे में भी 11 फीसद की बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है। इसी तरह अरहर का रकबा एक लाख 19 हजार 300 से बढ़ाकर एक लाख 29 हजार 670, उड़द का एक लाख 49 हजार 780 से बढ़ाकर एक लाख 80 हजार 340 व अन्य दलहन फसलों का रकबा 44 हजार 320 हेक्टेयर से बढ़ाकर 56 हजार 660 करने का लक्ष्य है।
प्रेरित और प्रोत्साहित कर रहे
‘राज्य में तिलहनी फसलों जैसे सोयाबीन, मूंगफली सहित अन्य तिलहनी फसलों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। धान की प्रचलित किस्मों के उत्पादन वाले पंजीकृत रकबे में सुगंधित व फोर्टिफाइड धान के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि विभाग किसानों से संपर्क कर इसके लिए उन्हें प्रेरित और प्रोत्साहित कर रहा है।’