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बालगृह के बच्चों की देखरेख सहानुभूतिपूर्वक करें- कलेक्टर

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बच्चों की देखरेख में कमी पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई

राजनांदगांव(दावा)। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला बाल संरक्षण समिति, जिला स्तरीय मॉनिटरिंग समिति एवं टॉस्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई।
उन्होंने कहा कि बेसहारा बच्चों को बाल गृह में रखा गया है। इन्हें स्नेह एवं सुविधाओं की आवश्यकता है। मानवीय दृष्टिकोण से सहानुभूतिपूर्वक इनकी देखरेख एवं ध्यान रखने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि निरीक्षण के दौरान उनके देखरेख में कमी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहां काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रेणु प्रकाश को बाल गृह में निरीक्षण करते रहने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने महतारी दुलार योजना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की इस विभिषिका से कई परिवार प्रभावित हुए है और कुछ परिवारों में बच्चों ने अपने अभिभावकों को खो दिया है। ऐसी कठिन परिस्थिति में उनके पालन-पोषण के लिए शासन द्वारा महतारी दुलार योजना के तहत छात्रवृत्ति एवं नि:शुल्क शिक्षा की सहायता दी जाएगी। उन्होंने कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास से कहा कि कोविड-19 से प्रभावित ऐसे बच्चों का चिन्हांकन करें तथा शिक्षा विभाग से समन्वय करते हुए इन बच्चों के मदद के लिए कार्य करें।
कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित 24 बच्चों को देखरेख में रखा गया है। वहीं शिक्षा विभाग द्वारा 87 बच्चों की सूची बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया है। कलेक्टर ने बाल विवाह, बाल तस्करी एवं भिक्षावृत्ति के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने नशा मुक्ति के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जागरूकता के लिए निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन करें। नशा मुक्ति तथा बाल तस्करी को रोकने के लिए संयुक्त कार्य योजना बनाएं। सीमावर्ती थानों में बाल तस्करी को रोकने के लिए पुलिस सजग रहे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा नशा मुक्ति के लिए विशेष कार्य किए जाएंगे। कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी को अच्छा कार्य करने के लिए कहा।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी चंद्रकिशोर लाडे ने एकीकृत बाल संरक्षण योजना अंतर्गत किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 से मई 2021 तक 23 बाल विवाह रोके गए हैं। उन्होंने किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार तैयार सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट की जानकारी दी। उन्होंने दत्तक ग्रहण, जिले में बाल देखरेख संस्थाओं में रह रहे बालकों को दी गई सेवाएं, उनकी सुरक्षा व्यवस्था, बाल संप्रेक्षण गृह में भवन निर्माण हेतु रिक्त भूमि की उपलब्धता के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी राजकुमार जामुलकर एवं समस्त सीडीपीओ, बाल संरक्षण तथा बाल गृह के कर्मचारी उपस्थित थे।

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