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महंगाई के अनुपात में केंद्र सरकार ने नहीं बढ़ाया समर्थन मूल्य

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रायपुर, केंद्र सरकार की ओर से जारी समर्थन मूल्य का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में गुरुवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि जिस अनुपात में महंगाई बढ़ी है, उस अनुपात में फसलों का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया गया है। जितना पैसा किसानों को मिलेगा, उससे ज्यादा केंद्र सरकार डीजल के दामों से वसूल कर रही है।

मोदी सरकार के फैसले ने साबित किया कि भाजपा किसान विरोधी है। चौबे ने कहा कि भाजपा के 2014 और 2019 के संकल्प-पत्र में उल्लेखित किया गया था कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेंगे। स्वामिनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का वादा किया गया था, लेकिन सच यह है कि स्वामिनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने में किसान के साथ ठगी कर गलत फार्मूला लगा लिया गया और कहा गया कि रिपोर्ट लागू हो गई।

समर्थन मूल्यों में साल दर साल की जा रही बढ़ोत्तरी इतनी कम है कि किसान की आय दोगुनी होने की संभावना खत्म हो गई है। वर्ष 2022 तक के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा हो चुकी है और स्पष्ट है कि किसान को नरेंद्र मोदी ने बुरी तरह धोखा दिया है और उसके साथ बड़ी ठगी हुई है।

किसानों को होने वाले नुकसान के बारे में चौबे ने कहा कि धान के समर्थन मूल्य में 72 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। यदि एक एकड़ में 15 क्विंटल की औसत फसल मान लें तो किसानों की आय में प्रति एकड़ 1080 की बढ़ोतरी होगी। अब अगर डीजल के दामों में पिछले एक साल में हुई बढ़ोत्तरी को देख लें तो सिर्फ डीजल का खर्च एक साल में 1200 रुपये बढ़ गया है।

किसान सिर्फ डीजल के खर्च में 120 रुपये के नुकसान में है। इसमें अभी खाद और कीटनाशक दवाइयों की कीमतों में हुई वृद्धि का खर्च शामिल नहीं है। आज केंद्र सरकार कह रही है कि धान के उत्पादन में 1292 रुपये का खर्च आता है, जबकि पहले 1410 प्रति क्विंटल लागत स्वीकार किया गया था। यही गणित दूसरी खरीफ फसलों के लिए भी लगाया जा सकता है।

चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान जानते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किस तरह से 2100 रुपये समर्थन मूल्य देने के वादा किया और उसे भुला दिया। कैसे किसानों को हर साल 300 रुपये बोनस देने का वादा किया गया और सिर्फ चुनावी वर्ष में बोनस देकर किसानों को बरगलाने की कोशिश की। पत्रकारवार्ता में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष धनेंद्र साहू, गिरीश देवांगन, शैलेश नितिन त्रिवेदी, सुरेंद्र शर्मा, चंद्रशेखर शुक्ला सहित अन्य मौजूद रहे।

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