Home छत्तीसगढ़ परिवहन की लचर व्यवस्था के कारण समितियों में खराब हो रहा धान

परिवहन की लचर व्यवस्था के कारण समितियों में खराब हो रहा धान

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खैरागढ़(दावा)। अंचल में धान बोआई का कार्य पुन: शुरू हो गया है लेकिन अभी तक समितियों में रखे धान का परिवहन नहीं हो पाया है, ऐसे में हालात ऐसे है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण किसानों की सरकार होने का दंभ भरने वाली भूपेश सरकार ही किसानों की उपज की ही रक्षा नहीं कर पा रही हैं. गौरतलब है कि धान परिवहन के लचर व्यवस्था के चलते समितियों में भी भी लाखों का धान जाम पड़ा है. प्री-मानसून के चलते अंचल में विगत सप्ताहभर से बारिश हो रही है जिसके कारण अब समितियों में रखे धान में जर्मिनेशन होना शुरू हो गया है वहीं कई क्विंटल धान बारिश की पानी में सडऩे के कारण खराब भी हो गये हैं, ऐसे में परिवहन व्यवस्था सुचारू नहीं होने के चलते शासन को लाखों रूपयों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. ज्ञात हो कि विगत 1 दिसंबर से प्रदेश में धान खरीदी की शुरूआत की गई थी, 30 जनवरी को धान खरीदी की अंतिम तारीख थी. धान खरीदी शुरू होने के छ: माह बाद भी अभी तक पूरी तरह धान का परिवहन नहीं हो पाया है जिसके कारण अभी भी खैरागढ़ अंतर्गत आने वाले सभी 11 समितियों में धान जाम है. आंकड़ों की बात करें तो बीते वर्तमान स्थिति में अमलीपारा समिति में 19000.30 क्विंटल, गाड़ाडीह में 5018.87 क्विंटल, आमदनी में 1996.00 क्विंटल, बैहाटोला में 118.40 क्विंटल, बढ़ईटोला में 9057.59 क्विंटल, टोलागांव में 7530.80 क्विंटल, डोकराभाठा में 3940.00 क्विंटल, सलौनी में 11461.48 क्विंटल, कामठा में 9886.78 क्विंटल, जालबांधा में 4322.00 क्विंटल तथा मड़ौदा समिति में 6968.65 क्विंटल धान अभी भी जाम हैं जो बारिश के कारण खराब होने की स्थिति में है. बता दे कि धान परिवहन में लेट-लतीफी के चलते समितियों में रखे धान बारिश में भीगने की वजह से सडऩे के कगार पर है वहीं बारिश के चलते धान में जर्मिनेशन भी होना शुरू हो गया है जिसके कारण समिति प्रबंधकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी ओर जिला विपणन संघ के जिम्मेदार अधिकारी ही परिवहन व्यवस्था को लेकर सही-सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं और समितियों में खुले आसमान के नीचे पड़े करोड़ों रूपये के धान परिवहन और उठाव में हुई देरी को नॉर्मली बता रहे हैं. खैर हालात नॉर्मल तो कतई नहीं हैं हां करोड़ों के धान को बचाने में सरकार पस्त और जुमलेबाजी में पारंगत प्रशासन मस्त जरूर दिख रही हैं.
विपणन संघ समितियों को लौटा रहा धान
बारिश के बाद धान में जर्मिनेशन होने के कारण अब विपणन संघ समितियों को धान वापस लौटा रहा है. ज्ञात हो कि धान खरीदी शुरू होने के बाद से ही परिवहन व्यवस्था की लचरता देखने को मिल रही है. धान खरीदी पूर्ण होने के पांच माह बाद भी अभी तक समितियों में रखे धान का परिवहन नहंी हो पाया है.
प्रदेश में प्री-मानसून लगने के बाद लगभग सभी स्थानों पर लगातार बारिश हो रही है जिसके कारण समितियों में रखे धान खराब हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि खैरागढ़ अंतर्गत कुछ समितियों को विपणन संघ के द्वारा जून माह में ट्रांसपोर्टिंग ऑर्डर दिया गया है जिसके बाद समिति द्वारा धान का परिवहन किया गया लेकिन विपणन संघ के द्वारा धान में जर्मिनेशन होना कहकर धान वापस भेज दिया जा रहा है, बारिश में धान की स्थिति खराब होने के बाद अब विपणन संघ भी धान का उठाव नहीं कर रहा है जिसके कारण अब समिति प्रबंधकों पर धान के रख-रखाव की समस्या आन पड़ी है. फिलहाल कम बारिश के चलते धान पूरी तरह खराब नहीं हुआ है लेकिन परिवहन व्यवस्था जल्द ही सुचारू नहीं किया गया तो आगामी बारिश में अधिक मात्रा में धान खराब हो सकता है.

कोरोना के कारण जिला स्तर से ही परिवहन का आदेश ट्रांसपोर्टर को विलंब से मिला अब जब परिवहन हो रहा हैं तो विपणन से धान को वापस किया जा रहा हैं.

देवकरण वर्मा, समिति प्रबंधक अमलीपारा

धान खरीदी के बाद परिवहन व्यवस्था की जिम्मेदारी विपणन संघ की हैं, धान का परिवहन कराने में क्या समस्या आयी और अब ऐसे हालात क्यों बन रहे हैं विपणन संघ की बता सकता हैं.

मकसूदन साहू, सहकारी समितियों के पर्यवेक्षक, खैरागढ़

खैरागढ़ में बहुत कम तादाद में धान का परिवहन बाकी हैं, नॉर्मली लेट हुआ हैं. धान का उठाव जल्दी हो जायेगा.

सौरभ भारद्वाज, जिला विपणन अधिकारी राजनांदगांव

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