Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ का एक गांव जहां हर किसान कर रहा समन्वित खेती, बदली...

छत्तीसगढ़ का एक गांव जहां हर किसान कर रहा समन्वित खेती, बदली तकदीर

35
0

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 155 किलाेमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे कांकेर के आतुर गांव में हर किसान अपनी तकदीर खुद लिख रहा है। यहां समन्वित खेती करके किसानों ने अपनी आमदनी दुगुनी कर ली है। विकास की कहानी साल 2012 से शुरू हो गई थी। इंदिरा गांधी कृषि विवि के विज्ञानियों ने गांव में किसान लल्लूराम कुरेटी को सबसे पहले समन्वित खेती की सलाह दी।

यहां तालाब खुदवाया और नलकूप खुदवाया है। किसानों ने पहले ही साल 25 हजार रुपये का मछली बेची है। धान की खेती में उतना फायदा नहीं हुआ है। यहां झोपड़ी में मुर्गी पालन, सुअर पालन, बतख पालन, गाय और बकरी पालन भी शुरू कर दिया है। चार एकड़ की जमीन पर उसे अब दो लाख 40 हजार रुपये आमदनी होने लगी है। इसके बाद कड़कनाथ मुर्गी पालन किया तो आमदनी चार लाख रुपये तक पहुंच गई।

जब किसान केवल धान बोता था, तब उसे 72 क्विंटल धान से उसे 70 से 80 हजार रुपये ही कमाई हो पाती थी। किसान को भारत सरकार से पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि प्रोत्साहन पुरस्कार भी मिला है। यह देखकर गांव के अन्य कुल 12 किसानों ने भी समन्वित खेती करना शुरू कर दिया है। आसपास के 89 किसानों ने भी इसे अपना लिया है।

यह है समन्वित खेती

कृषि के विभिन्न उद्यमों जैसे फसल उत्पादन, मवेशी पालन, फल, सब्जी उत्पादन, मछली पालन, वानिकी इत्यादि का जब एक साथ इस प्रकार समायोजन किया जाए कि वे एक दूसरे के पूरक हों, जिससे संसाधनों की क्षमता, उत्पादकता एवं लाभप्रदता में पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए वृद्धि की जा सके, तो इसे समन्वित कृषि प्रणाली कहते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here