रायपुर। राजधानी के कई सेवानिवृत्त बुजुर्गों ने सर्वसुविधायुक्त आनंद आश्रम स्थापित करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत आश्रम में बुजुर्ग और अनाथ बच्चों को एक साथ रखने की कल्पना की गई है। आश्रम में बुजुर्ग अपने जीवन का अनुभव और ज्ञान देकर बच्चों का जीवन संवार सकेंगे। साथ ही बच्चों के साथ खेल-कूदकर बुजुर्ग जीवन की कड़वाहट भूलकर शेष जीवन हंसी-खुशी के साथ गुजार सकेंगे।
150 वरिष्ठ नागरिकों की संस्था सीनियर सिटीजन फोरम के सदस्य पिछले दो साल से इस योजना पर चर्चा कर रहे हैं। हाल ही में कोरोना महामारी के दौरान जब बुजुर्ग अपने आपको असहाय, बेसहारा महसूस करने लगे, तब इस योजना को अमलीजामा पहनाने का फैसला किया और अब इस योजना का प्रस्ताव लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे।
बुजुर्गों का कहना है कि यदि सरकार सीनियर सिटीजन फोरम को राजधानी अथवा नवा रायपुर में रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध करवाएं तो हम जनसहयोग से ऐसा आनंद आश्रम बनवाएंगे कि वे बुजुर्ग जो अपने नाते-रिश्तेदारों से उपेक्षित हैं, वे इस आश्रम में रहकर खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत कर सकेंगे। आनंद आश्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, योगशाला और लाइब्रेरी की भी कल्पना है। बुजुर्गों को उम्मीद है कि यह कल्पना साकार होने पर देश भर में छत्तीसगढ़ एक मिसाल पेश कर सकेगा।
जाति-धर्म का भेद नहीं
आश्रम में सभी जाति, धर्म के लोग रह सकेंगे। इसके लिए सर्वधर्म प्रार्थना सभागार बनाने की योजना है, ताकि बुजुर्ग अपने-अपने धर्म के अनुरूप मन की शांति के लिए प्रार्थना, इबादत, आराधना कर सकें।
प्राकृतिक वातावरण का माहौल
आश्रम में हवादार कमरे होंगे। बुजुर्गों के मनोरंजन के लिए खेल-कूद हाल होगा, जिसमें शतरंज, बैडमिंटन, कैरम, टेनिस आदि की सुविधा होगी। साथ ही बगीचे में फलदार पेड़, सब्जी, भाजी उगाएंगे। व्यायाम करने के लिए पार्क में जरूरी उपकरण होंगे। प्राकृतिक वातावरण मिले, ऐसी व्यवस्था होगी।
व्यवस्था करने के लिए फोरम के सदस्य सहयोग देंगे
‘यदि सरकार हमारी योजना को स्वीकृति देकर स्वयं आश्रम का निर्माण करे तो उसकी व्यवस्था करने के लिए फोरम के सदस्य सहयोग देंगे। वर्तमान में कुछ वृद्धाश्रम चल रहे हैं, लेकिन वहां जगह पर्याप्त नहीं है। चिकित्सा सुविधा नहीं है, किसी तरह बुजुर्ग अपना जीवन गुजार रहे हैं। आनंद आश्रम में बुजुर्गों की हर जरूरी सुविधा को मुहैया कराया जाएगा। शहर के कोलाहल से दूर प्रकृति के बीच जमीन की तलाश में हैं।’