कोरोनाकाल में देश की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था से लेकर कई सारी चीजें खराब हुई हैं, लेकिन भारतीय रेलवे ने इस खाली समय का सदुपयोग किया है। सबसे पहले रेलवे ने पुरानी पटरियों की मरम्मत की और फिर स्टेशन में बिजली बचाने की व्यवस्था की। कई रूट पर और भी तरह के काम हो रहे हैं। अनलॉक के बाद कई ट्रेनें फिर से शुरू की गई हैं और रेल व्यवस्था में बदलाव किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीय रेलवे ने विस्टाडोम कोच का इस्तेमाल शुरू किया है। ये कोच खास तौर पर खूबसूरत नजारों वाली जगहों के लिए बनाए गए हैं।
मुंबई और पुणे का रास्ता भी खूबसूरत नजारों से भरा पड़ा है। बड़ी संख्या में लोग इन दोनों शहरों के बीच सफर भी करते हैं, लेकिन आम बोगियों में उन्हें यह खूबसूरत नजारा नहीं दिख पाता। इसके लिए कई लोग अपनी खुद की कार लेकर जाते हैं ताकि उन्हें आराम से खूबसूरत नजारे दिख सकें। अब भारतीय रेलवे ने आुकी इस परेशानी का हल ढूंढ़ लिया है। भारतीय रेलवे ने डेक्कन एक्सप्रेस में विस्टाडोम कोच का इस्तेमाल शुरू किया है।
विस्टाडोम कोच खास तौर पर खूबसूरत नजारों वाली जगहों के लिए बनाए गए हैं। इन कोच में छत पारदर्शी होती है और कुर्सियां 180 डिग्री में घूमती सकती हैं। साथ ही इनमें बड़ी खिड़कियां लगाई जाती हैं, ताकि ट्रेन में बैठे यात्री आसानी से खूबसूरत नजारों का दीदार कर सकें।
भारतीय रेलवे मुंबई-पुणे-मुंबई रेल रूट पर पहली बार विस्टाडोम कोच चला रही है। यह कोच डेक्कन एक्सप्रेस में जोड़ा गया है।
विस्टाडोम कोच मुंबई-पुणे मार्ग पर घाटी, नदी, झरने सहित बहुत से प्राकृतिक नजारों के दीदार करवाएगा। साथ ही बारिश के समय इसमें बहुत खास अनुभव मिलेगा। वाई-फाई युक्त पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम, ऑटोमेटिक और बड़े स्लाइडिंग दरवाजे आपके सफर को और सुखद बनाएंगे।
सेंट्रल रेलवे के PRO ने बताया “मुंबई-पुणे रेल रूट पर विस्टाडोम कोच डेक्कन एक्सप्रेस में जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि ये कोच पूरी तरह से एसी है। इसके दरवाजे बटन से चलते हैं, कुर्सियां 180 डिग्री पर घूमती हैं और छत पारदर्शी है। आज कोच की पहली ट्रिप है और सभी 44 सीटें बुक हो चुकी हैं।”
भारत में कालका-शिमला का रेल रूट भी काफी खूबसूरत है। डेक्कन एक्सप्रेस के बाद इस रूट की ट्रेनों में भी विस्टाडोम कोच जोड़े जा सकते हैं।