भाजपा नेता ने कांग्रेस पर लगाए कई आरोप, कहा पुनर्रावृति से बचने इतिहास को याद रखना जरूरी
राजनांदगांव (दावा)। देश में आपातकाल की बरसी पर जिला भाजपा कार्यालय में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं अपेक्स बैक के पूर्व अध्यक्ष अशोक बजाज ने प्रेस से वार्ता करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र और संविधान का गला घोंटने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि देश के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी कर कई आरोप लगाते हुए कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल खड़े किए
अशोक बजाज ने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी के खिलाफ राजनारायण की चुनाव याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा श्रीमती गांधी के खिलाफ फैसला देने पर उनके हाथ से सत्ता निकलती दिखी और तब 25 जून 1975 की रात को राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री की सलाह पर संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल घोषित कर दिया।
अभिव्यक्ति की आजादी को पूरी तरह से कुचल दिया गया
आपातकाल के घोषित होते ही तमाम गैर कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हो गई, उन पर अत्याचारों का सिलसिला शुरू हुआ । देशभर के लाखों लोग सत्याग्रह करके जेल गए। श्री बजाज ने आपातकाल की याद ताजा करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी को इस दौरान पूरी तरह से कुचल दिया गया था । मीडिया पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया था, इमरजेंसी लगाने के तुरंत बाद अखबारों के दफ्तरों की बिजलियां काट दी गई थी ताकि ज्यादातर अखबार अगले दिन आपातकाल का समाचार न छाप सके, आपातकाल के दौरान 3801 अखबारों को जप्त किया गया। 327 पत्रकारों को मीसा कानून के तहत जेल में बंद कर दिया गया। 290 अखबारों में सरकारी विज्ञापन बंद कर दिए गए । ब्रिटेन के द टाइम्स,एवं गार्जियन जैसे कई समाचार पत्रों के साथ प्रेस साथियो को भारत से निकाल दिया गया । राइटर सहित सभी कई विदेशी एजेंसियों के टेलीफोन और दूसरी सुविधाएं काट दी गई।
कांग्रेस शासित राज्यों में आज भी आपातकाल की स्थिति
श्री बजाज ने बताया कि आज भी कांग्रेस की अलोकतांत्रिक नीतियां जारी है छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, एवं अन्य कांग्रेस शासित या समर्थित राज्यों में आपातकाल जैसी मनोवृत्ति के चलते लोगो के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने पश्चिम बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस कम्युनिस्टों के प्रत्यक्ष समर्थन से चुनकर आई टीएमसी सरकार के कार्यकर्ताओं द्वारा चुनाव के पश्चात जिस तरीके से हत्या, बलात्कार और लूट आदि को अंजाम दिया जा रहा है । वास्तव में यह तमाम उदाहरण आपातकाल जैसी मनोवृति के परिचायक हैं। भूपेश सरकार को घेरते हुए अशोक बजाज ने कहा कि छतीसगढ में कांग्रेस सरकार का उदाहरण सबसे अनूठा है । जहां किसी ट्वीट को रीट्वीट तक करना बड़ा अपराध बना दिया गया है। जहां शासन के संसाधनों और समय का पूरा उपयोग भाजपा प्रवक्ता की आवाज को पुलिसिया डर दिखाकर दबाने एवं राष्ट्रीय पत्रकारों पर सौ सौ मुकदमे दर्ज करने में लगा दिया जाता है, जहां कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस स्टेशन के सामने ही पत्रकारों से बर्बरता से हिंसा तक की जाती है और वह भी महज इसलिए क्योंकि वह आपसे असहमत हैं और आप वैसे ही उनकी अभिव्यक्ति की आजादी को खत्म करना चाहते हैं जैसे इंदिरा जी ने किया था । छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार आपातकाल वाली मानसिकता से ग्रस्त होकर ही लोकतंत्र सेनानियों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, अपनी दुर्भावनाओं के कारण सत्ता में आते ही कांग्रेस ने सभी सेनानियों की पेंशन बंद कर दी।
मनोवृति वाली तत्व और संगठन आज भी मौजूद है
श्री अशोक बजाज ने कहा कि कुछ लोगों को लगता होगा कि 1975 में लगाया आपातकाल आज क्यों याद किया जा रहा है तो उन्हें हम बता दें की कल भले ही 1977 में खत्म हो गया, लेकिन आपातकाल की मनोवृति वाली तत्व और संगठन आज भी मौजूद है हर क्षण प्रतिपल लोकतंत्र विरोधी तत्वों के खतरे के प्रति सावधान रहने की जरूरत है। अगर आप इतिहास को याद नहीं रखेंगे तो उसे बार-बार दोहराने पर विवश होंगे आपातकाल का यह इतिहास हमें इसलिए भी बार बार हर बार इतना रखना चाहिए ताकि ऐसा कलंकित इतिहास कभी फिर दोहराने का दुस्साहस कांग्रेस या उस मनोवृति वाला कोई गल कभी करने में सफल नहीं हो पाए । मीसाबंदी में जेल जाने वाले कुलवंत कक्कड़ ने भी वार्ता में अपने कड़वे संस्मरण सुनाए तत्पश्चात मुख्य वक्ता अशोक बजाज एवं कार्यक्रम प्रभारी रमेश पटेल ने कुलवंत कक्कड़ का शाल श्रीफल से सम्मान भी किया । प्रेस वार्ता के दौरान जिला भाजपा के महामंत्री सचिन बघेल, पूर्व सांसद प्रदीप गांधी, शहर अध्यक्ष तरुण लहरवानी, नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु, शिव वर्मा,सोशल मीडिया प्रभारी कमल सोनी, रघुवीर वाधवा, अरुण शुक्ला इत्यादि भी उपस्थित थे।