वैक्सीनेशन सेंटर में तैनात कर्मी घर से ला रहे खाना, चल रही अंधेरगर्दी
राजनांदगांव (दावा)। इन दिनों कोरोना से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा टीकाकरण अभियान पर काफी जोर दिया जा रहा है। लेकिन टीकाकरण अभियान में अपनी सेवाएं दे रहे स्वास्थ कर्मचारियों के मूलभूत जरुरतों को पूरा करने के लिए महकमे के आला अफसर ध्यान नहीं दे रहे है। सीधे कहे तो कोरोना काल में भी अफसरों की मनमानी हावी है और भोजन के मामले में कांटेमारी कर जमकर अंधेरगर्दी की जा रही है। कायदे से वैक्सीनेशन सेंटर में सेवा देने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को भोजन उपलब्ध कराना है, लेकिन लंबे समय तक कर्मचारियों को भोजन नहीं दिया गया। अब जब मामला फूटा तब भोजन सप्लाई की जा रही है। इससे पहले तक या तो कर्मचारी खाली पेट काम कर रहे थे या फिर घर से भोजन लाकर गुजारा कर रहे थे।
प्रतिदिन 100 रुपए भोजन व्यय दिया जाना है
गौरतलब है कि जिले में 16 जनवरी से टीकाकरण की शुरुआत की गई है। पहले स्वास्थ्य कर्मचारियों को फिर 45 प्लस और बाद में 18 प्लस वाले व्यक्तियों को टीका चरणबद्ध लगाया जा रहा है। कर्मचारियों से बात की तो पता चला कि उन्हें भोजन पैकेट दिया ही नहीं जा रहा है। वे घर से भोजन बनाकर लाते है। सुबह 9 बजे की ड्यूटी होने के कारण कई बार उन्हें भोजन बनाने में परेशानी होती है, ऐसे में उन्हें भूखे रहकर ही काम करना पड़ता है। चूंकि लंबे समय तक कर्मचारियों को भोजन पैकेट नहीं दिया गया। इस सूरत में कर्मचारियों को तैनाती के दिन के हिसाब से प्रतिदिन 100 रुपए भोजन व्यय दिया जाना है। लेकिन कितने कर्मचारियों को लंबित भोजन व्यय दिया गया, इस पर भी संशय है।
इसके अलावा भोजन पैकेट बनाने की जिम्मेदारी किसको दी गई है, क्रय नियमों का पालन किया गया है या नहीं, भोजन की गुणवत्ता कैसी है। इस पर भी ध्यान देने की जरुरत है।
शहर में 13 व जिले में 150 सेंटर संचालित
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार टीकाकरण के लिए राजनांदगांव शहर में 13 और जिलेभर में 150 सेंटर बनाए गए है। प्रत्येक केंद्र में पांच कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। यानी कुल 163 केंद्र में 815 कर्मचारी प्रतिदिन सुबह 9 से शाम पांच बजे तक सेवा दे रहे है। नियमत: आपदा राहत फंड से प्रत्येक कर्मचारी को भोजन के लिए प्रतिदिन 100 रुपए दिया जाना है, प्राइवेट कर्मचारियों को प्रतिदिन 500 रुपए देय तय किया गया है। इसके बावजूद लंबे समय तक अफसरों ने कर्मचारियों को भोजन व्यय का एक रुपए तक नहीं दिया। मामला सार्वजनिक होने के भय से एक दो दिन पहले ही भोजन पैकेट सप्लाई की व्यवस्था की गई। वह भी नाकाफी है।
वैक्सीनेशन सेंटर में तैनात कर्मचारियों भोजन दे रहे हैं। बीच में कुछ परेशानी हुई होगी। आपदा राहत से फंड मिल रहा है।
- डॉ. बीएल कुमरे, जिला टीकाकरण अधिकारी, राजनांदगांव