नगर निगम क्षेत्र के 27 वार्डों का महिला समूहों को ठेका, कार्यादेश भी जारी नहीं
राजनांदगांव(दावा)। शहर में सफाई ठेका के नाम पर जमकर अंधेरगर्दी करने का मामला सामने आया है। निगम प्रशासन द्वारा बिना कार्यादेश जारी हुए ठेका में सफाई का काम शुरु कर दिया गया है। बिना कार्यादेश के काम शुरु करने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कार्याआदेश बिना काम शुरु करने से किस हिसाब से और कैसे ठेकेदारों को पेमेंट किया जाएगा। यह बड़ा सवाल है। गौरतलब है कि शहर के 27 वार्डों को सफाई के लिए ठेका पर दिया गया है। ठेका देने की औपचारिकता तो पूरी कर ली गई है, लेकिन कार्यादेश निगम प्रशासन की ओर से जारी नहीं किया गया है। बावजूद इसके ठेकेदारों द्वारा वार्डों में सफाई का काम शुरु कर दिया गया है। ऐसे में बिना कार्याआदेश के बिल और बाऊचर किस हिसाब से बनेगा।
महिला समूहों की आड़ में नेताओं को ठेका
जानकारी के अनुसार निगम प्रशासन द्वारा शहर के 27 वार्डों के सफाई की जिम्मेदारी ठेकेदारों को दी गई है। बताया जा रहा है कि निगम प्रशासन ने महिला समूहों के नाम पर ठेका जारी किया है, लेकिन सफाई का ठेका कांग्रेसी नेता व पार्षदों द्वारा चलाया जा रहा है। वहीं सफाई ठेका में कुछ भाजपा के नेता व पार्षदों को भी शामिल किया गया है। यानि सफाई ठेका के नाम पर निगम प्रशासन द्वारा जमकर अंधेरगर्दी की जा रही है। चूंकि भाजपा के नेता व पार्षद भी इसमें शामिल है। इसकी वजह से इस मामले में अब तक किसी प्रकार का विरोध शुरु नहीं हुआ है। निगम प्रशासन द्वारा नियमों को ताक में रखकर बिना वर्क आर्डर के ही किस आधार पर काम शुरु किया गया है?
प्रति वार्ड एक लाख रुपए महीना खर्च
जानकारी के अनुसार जिन 27 वार्डों की सफाई ठेका पर दिया गया है, वहां प्रति वार्ड लगभग एक लाख रुपए खर्च होगा। बताया जाता है कि सफाई ठेका के टेंडर में भी निगम प्रशासन द्वारा जमकर मनमानी की गई है। जानकारी के अनुसार टेंडर में कम रेट वालों को ठेका ही नहीं दिया गया है। जबकि निगम प्रशासन ने सभी वार्डों का सफाई ठेका 430 रुपए के हिसाब से दिया गया है। जबकि कई ठेकेदारों द्वारा इससे कम रेट पर टेंडर भरा गया था। बावजूद इसके निगम प्रशासन द्वारा अपने लोगों को फायदा पहुंचाने नियमों को ताक में रख कर सफाई का ठेका दिया गया है।
निर्माण कार्यों के लिए सख्त आदेश
जानकारी के अनुसार निगम प्रशासन द्वारा शहर में चल रहे भवन, नाली सहित अन्य कार्योंं के लिए टेंडर के बाद वर्क आर्डर जारी होने के बाद ही काम शुरु करने ठेेकेदारों को सख्त आदेश जारी किया गया है, लेकिन सफाई ठेका के लिए ऐसा नियम लागू नहीं किया गया है।
ऐसे में निगम प्रशासन के कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस नेताओं द्वारा सफाई का ठेका लगाने पर नियम कानून नहीं है। वहीं अन्य ठेकेदारों के कार्यों के लिए कानून के हवाला देकर वर्क आर्डर के बाद ही काम चालू करने का निर्देश जारी किया गया है।
नगर निगम में नियम कानून को ताक में रख कर सभी कार्य हो रहे हैं। सफाई ठेका का बिना वर्क आर्डर के काम शुरु करना नियमों की धज्जियां उड़ाना है। निगम आयुक्त को इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की जरुरत है।
– शिव वर्मा, भाजपा पार्षद व पूर्व निगम अध्यक्ष
बिना वर्क आर्डर के ठेका वाले वार्डों में काम शुरु करने की जानकारी मुझे नहीं है। ऐसा हो रहा तो गलत है। इसकी जानकारी लेकर संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी, आयुक्त नगर निगम