समूह नल-जल योजना के बाद अब गांंवों में जल जीवन मिशन के तहत हो रहे है काम
राजनांदगांव (दावा)। सोमनी क्षेत्र के 24 गांवों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की समूह नल जल योजना पीएचई विभाग की भ्रष्टाचार के भेंट चढऩे के बाद अब विभाग द्वारा दूसरी योजना जल जीवन मिशन के अंतर्गत फिर से इन्हीं गांवों में फूंकने की तैयारी शुरु हो गई है। पीएचई विभाग द्वारा जिले के गांवों मेंं जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाने की योजना शुरु की जा रही है। इसमें समूह नल-जल योजना में 28 करोड़ फूंकने वाले गांवों को भी शामिल किया गया है। यानि पीएचई विभाग फिर से इस योजना में चांदी कांटने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा गांवों में निवास कर रहे लोगों तक शुद्ध पानी की व्यवस्था करने करोड़ों अरबों रुपए की योजना चलाई जाती है, लेकिन इन योजनाओं पर विभागीय अधिकारियों की लालच भारी पड़ जाता है और योजना भ्रष्टाचार की भेंंंट चढ़ जाती है। ऐसा है ताजा उदाहरण राजनांदगांव ब्लाक में सामने आया है। ब्लाक के सोमनी क्षेत्र के 24 गांवों में शुद्ध पानी पहुंचाने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा 28 करोड़ की लागत से समूह नल जल योजना लाई गई थी। योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। क्योकि योजना पीएचई विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।
गलत जगह बनाया गया इंटकवेल, इसलिए योजना फेल
पीएचई विभाग द्वारा समूह नल जल योजना के अंतर्गत सोमनी क्षेत्र के गांवों में पानी पहुंचाने 28 करोड़ खर्च कर धीरी प्रोजेक्ट के नाम पर काम शुरु किया गया। इसके अंतर्गत धीरी शिवनाथ नदी से पानी की सप्लाई करना था, लेकिन पीएचई विभाग के तात्कालीन कार्यपालन अभियंता एस.एन. पाण्डेय द्वारा योजना को बदल कर प्रोजेक्ट को धीरी के बजाय ईरा शिवनाथ नहीं पर ले जाया गया। जबकि ईरा शिवनाथ नदी में पानी स्टोरेज का साधन ही नहीं था। इस दौरान पीएचई विभाग द्वारा पाईप लाईन में करीब 3 से 4 किलोमीटर का रुपए बचा लिया गया। वहीं इंटकवेल गलत बनाया, धीरी की जगह ईरा में बनाकर सबसे बड़ी गलती की। पीएचई द्वारा जल संसाधन विभाग से उक्त योजना हेतु पानी रिजर्व के संबंध में सहमति नहीं ली गई। और बिना एनीकट क्षतिग्रस्त होने तिरगा झोला एनीकट उक्त स्थल पर इंटकवेल बनाकर योजना जहां पर पानी नहीं रुकता भ्रष्टाचर की शुरुआत कर दी गई।
उच्च अधिकारियों को कार्यपालन अभियंता ने किया गुमराह
इस योजना में तात्कालीन ईई द्वारा विभाग के उच्च अधिकारियों को गुमराह किया गया। उक्त योजना में निर्माण के दौरान चाहे इंटकवेल हो चाहे पानी टंकी निर्माण हो, चाहे पाईप लाईन बिछाने का कार्य हो, पाईप लाईन बिछाने के दौरान सीसी तोडऩे व करने का कार्य हो। सब में भारी भ्रष्टाचार किया गया। उक्त योजना में पाईप लाईन बिछाने में जो मापदंड है एक मीटर गहराई और 60 सेंटीमीटर चौड़ाई का भी पालन नहीं किया गया। जिसके कारण आए दिन पाईप फूटने व लीकेज की समस्या सामने आ रही है।
इन गांवों में योजना का बुरा हाल
निम्नांकित गांव योजना के तहत टेडेसरा, देवादा, बैगाटोला, इंदावानी, अचानकपुर भाठापारा, ककरेल, धीरी, ईरा, सांकरा आदि में यदि पाईप लाईन की जांच की जाए तो पाईप निम्न क्वालिटी का पाया जाएगा। और गहराई जो पाईप लाईन डालने हेतु विभाग द्वारा तय है वह भी कम मिलेगी। इसका जीवंत उदाहरण दैनिक ‘दावा’ की टीम के द्वारा इंदावानी ग्राम में घर-घर नल लगाने के दौरान मिला। यहां पर पाईप लाईन दो फीट गहराई में डाली गई है। और पाईप भी निम्न क्वालिटी का पाया गया। और चौड़ाई भी कम पाई गई। एवं ग्रामवासियों द्वारा यह भी बताया गया कि पाईप लाईन कार्य के दौरान कांक्रिट का कार्य भी नहीं किया गया है। अत: उक्त योजना में कुल मिलाकर कार्यपालन अभियंता एसएन पाण्डेय सहायक अभियंता ईश्वर दास वैष्णव और उपअभियंता श्रीमती तारा वैष्णव के द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया गया है।
मुख्यमंत्री से शिकायत बाद भी जांच न कार्रवाई
सबसे आश्चर्य की बात है कि उक्त योजना में भ्रष्टाचार के खिलाफ विगत एक वर्षों से सभी प्रमुख अखबार में खबर प्रकाशन किया जा रहा है। इसके अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि चाहे जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य, सरपंचगण एवं राजनांदगांव के प्रमुख नेताओं के द्वारा योजना में किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर विभागीय मंत्री, प्रभारी मंत्री, सांसद एवं स्थानीय विधायक तक से की गई, लेकिन राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने की वजह से आज पर्यंत तक उक्त अधिकारियों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही योजना की किसी प्रकार की जांच हुई. इसके अलावा न ही उक्त अधिकारियों को हटाया गया। जिससे उक्त अधिकारियों के हौसले बुलंद है और वे उक्त योजना में भ्रष्टाचार को छिपाने लीपा-पोती में संलग्न है।
समूह नल जल योजना के तहत जो गांवों में पानी पहुंचाने में जो समस्या थी वह दूर कर ली गई है। सभी गांवों में पानी पहुंच रहा है। अब जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाने की योजना शुरुकी गई है।
– एसएन पाण्डेय, ईई पीएचई विभाग