ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन 4-5 घंटे हो रही बिजली गुल, बिजली कंपनी की चल रही अंधेरगर्दी
राजनांदगांव (दावा)। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत वितरण कंपनी की जमकर अंधेरगर्दी सामने आ रही है। लो-वोल्टेज के अलावा घंटो अघोषित बिजली बंद से फैक्टियों का काम ठप्प हो रहा है। बिजली बंद रहने से एक ओर उद्योगपतियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सिंचाई के लिए भी काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। गौरतलब है कि जिले में अधिकांश फैक्ट्री ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित है। बिजली गुल होने से फैक्ट्रियों में काम प्रभावित हो रहा है। वहीं गर्मी व उमस से लोग हलाकान हो रहे हैं। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद राजनांदगांव जिले में बिजली गुल होने व लो-वोल्टेज की सबसे गंभीर समस्या है। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के शासन काल में राजनांदगांव जिले में बिजली को लेकर बेहतर काम हुआ था। सत्ता परिवर्तन के बाद से जिले में बिजली कंपनी की अंधेरगर्दी शुरु हो गई है।
इन क्षेत्रों में है फैक्ट्री व क्रेशर प्लांट
जिले के सोमनी, टेडेसरा, राजनांदगांव शहर के आसपास के गांवों में अधिकांश फैक्ट्रियां संचालित है। वहीं मुढ़ीपार, घुमका, ठेलकाडीह सहित अन्य क्षेत्रों में क्रेशर प्लांट संचालित हो रही है। इसके अलावा जिले के लगभग सभी जगहों पर राईस मिल से लेकर छोटे बड़े अन्य फैक्ट्रियां संचालित है। कभी भी अघोषित बिजली के बंद होने से इन फैक्ट्रियों व क्रेशर प्लांट में कां ठप्प हो जाता है। बिजली बंद होने से काम नहीं होता और मजदूरों को भी रोजी नहीं मिलती। इसके अलावा फैक्ट्री संचालकों को भी लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है।
वनांचल क्षेत्रों के गांवों में भी बुरा हाल
मिली जानकारी के अनुसार जिले के ग्रामीण सहित वनांचल के रहवासी भी पर्याप्त बिजली की आस लगाकर बैठे हैं। वनांचल के नक्सल प्रभावित गांवों में एकल बत्ती वाली योजना के तहत ही बिजली पहुंची है। जिले के करीब 98 गांव भगवान भरोसे हैं। यहां सोलर प्लेट के जरिये गांवों में बिजली की व्यवस्था बनाई गई है। बरसात के दिनों में यहां के लोगों को लालटेन का ही सहारा लेना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी नक्सल प्रभावित व पड़ोसी राज्यों से सटे गांव के लोगों को हो रही है। वनांचल के गांवों से अंधेरा दूर करने पूर्ववर्ती सरकार ने जिले के करीब 52 गांवों में सोलर प्लांट से विद्युतिकरण की योजना लायी थी। सौर ऊर्जा के जरिये गांवों में बिजली भी पहुंची, लेकिन सालभर में ही सोलर प्लांट योजना ने दम तोड़ दिया। अंदरूनी गांवों की गलियां दूर तो घरों में भी अंधेरा छाया रहता है।
सोमनी, डोंगरगांव व घुमका ब्लाक में वोल्टेज डाउन
जिले में लो-वोल्टेज की समस्या गंभीर होती जा रही है। बिजली की अघोषित कटौती भी जिले में गंभीर मुद्दा बन रही है। डोंगरगांव, घुमका, अर्जुनी, व सोमनी क्षेत्र के दर्जनों गांवों में आए दिन कटौती की समस्या रहती है। इसको लेकर कई बार उग्र आंदोलन भी हो चुका है। क्षेत्र के रहवासी सरकार से लो-वोल्टेज और बिजली की कटौती की समस्या को खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
फोन रिसिव नहीं
इस संबंध में विद्युत वितरण कंपनी राजनांदगांव के अधिकारी टीके मेश्राम से जानकारी लेने उसके मोबाइल पर फोन किया गया, लेकिन अधिकारी ने फोन रिसिव नहीं किया।