राजनांदगांव(दावा)। संस्कारधानी में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्रीदासीश्यामप्रभु की 22वीं जयंती का तीन दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन 25 अगस्त बुधवार को रामाधीन मार्ग के श्यामकुटी से श्रीदासीश्याम प्रभु की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में जगह-जगह भव्य आतिशबाजी भी की गई और उनके भक्तों ने अपने दुकानों एवं घरों के सामने जगह-जगह पर आरती करते हुए ड्रायफूड, पान, ठंडे, चाय एवं बिस्कुट की प्रसादी का वितरण किया गया। पूरे रास्ते भर शोभायात्रा मे शामिल श्रद्धालुजन अपने श्रीगुरूमाँ का गुणगान और पुकार के भजन करते हुए झुमते, नाचते थिरकते और जयजयकारा करते रहे।
शोभायात्रा जब स्टेशन पारा के शक्तिधाम पहुंची उसके पूर्व श्रीगुरूमाँ के जय-जयकार से पूरा आसमान गुंज उठा और महिलाएं, युवतियां गरबा नृत्य से मन को मोहित करती रही। श्रीदासीश्याम प्रभु की जंयती मे हर वर्ष उनके भक्तो को विशेष आमंत्रण रहता था, लेकिन इस वर्ष कोरोना कोविड 19 के कारण किसी भी भक्तो को आमंत्रण नही भेजा गया लेकिन बिना आमंत्रण के स्वफूर्त उनके भक्तगण बिना बुलावे के चले आये। पुरे भारत वर्ष मे वैसे तो श्रीदासीश्यामप्रभु के भक्तगण रहते हैं और प्रतिवर्ष उनको मानने वाले भक्तो की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। शहर में श्रीदासीश्याम मंडल के सदस्यों और श्रीश्यामकुटी परिवार द्वारा मनाया जा रहा जयंती पर्व में स्थानीय एवं बाहरी श्रद्वालुओं का उत्साह, श्रद्वा बढती जा रही है। शोभायात्रा मे शामिल उपस्थित भक्तों की और जंयती के तृतीय दिवस पर भजन जागरण मे रहने वालों भक्तों की मनोकामना भी पूर्ण होती रही है।
26 अगस्त गुरूवार को श्री श्यामकुटी मे आरती पश्चात सुबह 8 बजे से श्री खाटुनरेश, श्री श्यामप्रभु, हारे के सहारे, तीन बाणधारी द्वारा अपनी श्रीशक्ति के माध्यम से लिखवायेे श्री ज्ञानग्रंथ के भजन होने के पश्चात श्री दासीश्याम प्रभु की ज्योत भी ली जावेगी। और रात्री जागरण पश्चात 27 अगस्त को बाहरी भक्तगण अपने अपने शहर और गांव के लिए निकलेंगे। आगामी 2 वर्ष पश्चात 25 जयंती को रजत जयंती मनाने का निर्णय लेते हुए उसकी 5 दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा भी श्री श्याम कुटी परिवार एवं श्री दासी श्याम मंडल के सदस्यों ने बनाना शुरू कर दिया है।