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छत्तीसगढ़ के विकास में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए गढ़ा जा रहा नवा छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री

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कवर्धा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रिय मासिक रेडिया वार्ता लोकवाणी कार्यक्रम को कवर्धा नगर पालिका परिसर में सूना गया। इस अवसर पर पालिका अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा, वरिष्ठ नागरिक मुकुंद माधव कश्यप, पार्षद मोहित महेश्वरी, संतोष यादव, एल्डरमेन दलजीत पाहुजा, अजहर खान, तुकेश्वर साहू सहित नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी व पालिका परिसद के सभी सदस्य उपस्थित थे। मुख्यमंत्री बघेल ने 21वीं लोकवाणी कार्यक्रम में ‘जिला स्तर पर विशेष रणनीति से विकास की नई राह’ चर्चा की। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रशासनिक इकाई के रूप में जिलों को महत्व देते हुए हमने अल्प समय में ही 5 नए जिले बनाने की पहल की है। साथ ही जिला स्तर पर जनहितकारी योजनाएं, कार्यक्रम और अभियान संचालित करने की खुली छूट दी है, ताकि स्थानीय जनता की सोच, इच्छा और अपेक्षा के अनुरूप काम करने में जिला प्रशासन अधिक सक्षम हो सके। रेडियो कार्यक्रम लोकवाणी में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के समन्वित विकास के लिए आमजनता की समस्याओं को संवेदनशीलता के साथ सुनने और स्थानीय जरूरत के हिसाब से कदम उठाने के लिए प्रशासन को फ्री-हेंड दिया गया है। इस तरह आमजनों के जीवन-स्तर का तीव्र उन्नयन और उनकी आजीविका के लिए स्थायी समाधान पर विशेष जोर दिया जा रहा है।


कबीरधाम जिले की बेटी भूमि ने मुख्यमंत्री से शिक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण सवाल किए
कबीरधाम जिले से कुमारी भूमि डड़सेना ने मुख्यमंत्री बघेल से लाडस्पीकर,गुरू जी, कार्टून वाली मैडम,आदि शिक्षा से जुड़ी अन्य नवाचारों के बारे में सवाल कर विस्तार से जानकारी मांगी। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पूरे देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी, कोरोना ने हमारे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। ऐसी स्थिति में भी चुनौतियों का सामना करते हुए बच्चों की पढ़ाई-लिखाई जारी रहे, इसके लिए ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। बहेबीववस.पद नाम से एक पोर्टल का निर्माण कर ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ की गईं। इस ऑनलाइन पढ़ाई से घर बैठे ही लाखों बच्चे सुरक्षित पढ़ाई करने लगे। इंटरनेट की पहुंच नहीं होने वाले क्षेत्रों व ऐसे बच्चे जिनके पास मोबाइल नहीं था, उसे ध्यान में रखते हुए मोहल्ला कक्षा प्रारंभ की गई। हमारे प्रदेश के शिक्षकों ने पढ़ाने के लिए कई नवाचारी गतिविधियां आयोजित कीं। शिक्षकों की मेहनत से बच्चों का पढ़ाई से रिश्ता बना रहा बल्कि पढ़ाई और अधिक रोचक और व्यापक हो गई। हमारे गुरुजनों ने अपनी लगन, निष्ठा और नवाचार से समाज में शिक्षकों की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई दी है। इन नवाचारी प्रयासों को न केवल राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली बल्कि पुरस्कार भी मिले हैं। मैं चाहता हूं कि शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कोरोना काल में जिस तरह शिक्षा के नए-नए प्रयोग किए, उसे आगे भी करते रहें। सरकारी स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से सजाने और इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने की हमारी सोच एक बहुत बड़ा नवाचार है। स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना के तहत 171 स्कूलों का उन्नयन कोरोना काल में ही हुआ है।

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