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आशियाना बनाना हुआ सपना, सरिया 63 सौ और सीमेंट की कीमत 330 रु. पहुंची

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पखवाड़े भर में छड़ की कीमत में पांच हजार रु. क्विंटल और सीमेंट की कीमत में 70 से 80 रुपए की बढ़ोतरी, निर्माण कार्यों में लगा ब्रेक
राजनांदगांव (दावा)
। बढ़ती महंगाई गरीब से लेकर आम आदमी के आशियाना बनाने के सपना को चकनाचूर कर रहा है। इन दिन आवास बनाने में काम आने वाले मटेरियल की कीमतों में आग लगी हुई है। पिछले पखवाड़े भर में सरिया की कीमत में हजार रुपए तो सीमेंट की कीमत में 70 से 80 रुपए की बढ़ोतरी देखी जा रहा है। लगातार बढ़ते मटेरियलों की कीमत से निर्माण कार्यों में ब्रेक लग गया है। इन दिनों सरिया और सीमेंट सहित अन्य मटेरियलों की कीमत में काफी बढ़ोतरी हो गई है। सरिया और सीमेंट की कीमत सबसे अधिक बढऩे से निजी व सरकारी भवन व आवास निर्माण कार्यों में ब्रेक लग गया है। पखवाड़े भर पहले जिस सरिया की कीमत 53 सौ से 55 सौ रुपए क्विंटल था। वर्तमान में सरिया की कीमत 63 सौ से 64 सौ रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। यानि पखवाड़े भर में सरिया की कीमत में हजार से 1200 सौ रुपए तक की बढ़ोतरी हो गई है।

सीमेंट की कीमत पहली बार तीन सौ के पार
मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में सीमेंट की कीमत खुले बाजार में 330 रुपए तक पहुंच गई है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि सीमेंट की कीमत 3 सौ के पार हुआ है। सीमेंट और सरिया की कीमत में बेहताशा बढ़ोतरी से आम से लेकर खास लोगों पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। अचानक मटेरियलों की कीमत बढऩे से लोग निर्माण कार्यों को बंद करा रहे हैं। कीमत बढऩे का सबसे बुरा असर गरीब व आम लोगों पर पड़ रहा है। लोगों का बजट बिगड़ रहा है वहीं लागत में भी काफी बढ़ोतरी हो रही है। मजबूरी में लोग निर्माण कार्यों को बंद कराना ही मुनासिफ समझ रहे हैं।

सरकारी आवासों पर ठेकेदारों ने लगाई रोक
बताया जा रहा है कि सरिया व सीमेंट की कीमतों में बेहताशा वृद्धि से ठेकेदारों द्वारा सरकारी भवन, नाली सहित अन्य निर्माण कार्यों का काम रोक दिया गया है। ठेकेदारों का कहना है कि टेंडर के आधार पर ही निर्माण हो रहा है। अचानक सरिया व सीमेंट की कीमत बढऩे से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। ठेकेदारों का कहना है कि निर्माण कार्यों का मूल्यांकन स्टीमेंट के आधार पर होगा। ऐसे में सरिया व सीमेंट की कीमत बढऩे का उन्हें अलग से राशि नहीं मिलेगी। वहीं निजी आवास बनाने वाले लोग भी सरिया व सीमेंट की बढ़ी कीमत को लेकर कार्यों को बंद कर दिए हैं।

पीएम आवास निर्माण पर भी लगा ब्रेक
केंद्र व प्रदेश सरकार आवासहीन परिवारों को पक्का मकान बनाने के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में राशि उपलब्ध करा रही है। लेकिन हर रोज निर्माण सामग्री लोहे, सीमेंट, ईट, रेती व गिट्टी के बढ़ते दामों ने हितग्राहियों की चिंता बढ़ा दी है। उन्हे आवास निर्माण के लिए दी जाने वाली राशि कम लगने लगी है। हितग्राहियों के लिए घर बनाना मुश्किल हो गया है। हार्डवेयर व्यवसायी नवलकुमार जैन ने बताया कि वर्तमान में लोहे का दाम 63 सौ से 64 सौ रुपए प्रति क्विंटल है। वहीं सीमेंट की कीमत 330 रुपए परति बैग हो गया है। योजना के प्रारंभ के समय जारी की गई राशि हितग्राही के आवास निर्माण के लिए पर्याप्त लग रही थी। वहीं अब मूल्य वृद्धि से हितग्राहियों के लिए परेशानी बन गई है। ऐसे में पीएम आवास निर्माण पर रोक लग गया है।

पंचायतों के कार्य भी अटके
जिले के 916 ग्राम पंचायतों में निर्माण व विकास कार्य बड़ी संख्या में स्वीकृत हुए है। निर्माण सामग्री की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि व मजदूर नहीं मिलने से काम बंद पड़े है। सरपंचों ने बताया कि निर्माण सामग्री का दाम बढ़ रहा है तो निर्माण कार्य पूरा करना संभव नहीं है। फिलहाल सरिया व सीमेंट की कीमत बढऩे से सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर बुरा असर पड़ रहा है।

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