मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पुलिस जवानों को सरकारी आवास देने के काम में पारदर्शिता रखने को डीडीपी अशोक जुनेजा से कहा। उन्होंने जवानों को आवास उपलब्धता के आधार पर प्राथमिकता के साथ किया जाए। मुख्यमंत्री ने डीजीपी सहित पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षकों को इस कार्य को पूरी गंभीरता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस के जवानों की समस्याओं का निराकरण जहां तक संभव हो सके प्राथमिकता से साथ किया जाए।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि डीजीपी स्वयं आवास संबंधी मामलों की समीक्षा करें और प्रत्येक जिले में एसपी भी अपने जिलाबल के जवानों को आवास देने के मामले की इसकी सतत समीक्षा करते रहें। उल्लेखनीय है कि पुलिस जवानों की ड्यूटी बेहद अनुशासन और तनावपूर्ण रहती है। पुलिस जवानों का मानसिक तनाव कम हो और वे नवीन ऊर्जा के साथ कार्य कर सकें इसके लिये राज्य शासन द्वारा कई वर्षों से पुलिसकर्मियों की साप्ताहिक अवकाश की मांग को पूरा किया गया है।
शुरू की गई है तीन कल्याणकारी योजनाएं
विगत तीन वर्षों में पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं। पुलिस परिवार के करीब 72 हजार जवानों एवं उनके परिजनों के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। इनमें नक्सल हिंसा में शहीदों के परिवारों के दी जाने वाली अनुग्रह राशि तीन लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गई है। पुलिस जवानों के शहीद एवं सामान्य मृत्यु के प्रकरणों को बेहद ही संवेदनशीलता के साथ निराकृत कर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही हैं। इसके साथ ही पुलिस बल, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में तैनात पुलिस जवानों का तनाव कम करने सभी जिलों में रोस्टर बनाकर योग शिक्षकों की सहायता से योग क्लासेस भी शुरू की गई है।