रायपुर। राज्य में हुक्का बार पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। बुधवार को विधानसभा ने इसके लिए संशोधन विधेयक को पास कर दिया है। इसमें हुक्का बार चलाते पकड़े जाने पर कैद और जुर्माना दोनों का प्रविधान किया गया है। विधानसभा से पारित इस विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद यह कानून का रूप ले लेगा।
हुक्का बार पर रोक के लिए सरकार ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन प्रदाय और वितरण विनियमन) विधेयक में संशोधन किया गया। आबकारी मंत्री कवासी लखमा की अनुपस्थिति में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने इसका प्रस्ताव सदन में रखा। प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा सदस्यों की गैरमौजूदगी में संशोधन विधेयक को बिना चर्चा के ही पारित कर दिया गया।
इन्हें कार्रवाई का अधिकार
पुलिस और आबकारी दोनों ही विभाग हुक्का बार के मामले में कार्रवाई कर सकते हैं। लेकिन यह उपनिरीक्षक स्तर से नीचे का अधिकारी नहीं कर सकेगा। अधिकारी जांच के दौरान हुक्का बार के लिए उपयोग की जा रही किसी भी सामग्री या वस्तु को जब्त कर सकेगा।
विधेयक में प्रविधान
हुक्का बार पर रोक: कोई भी व्यक्ति स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति की ओर से कोई हुक्का बार नहीं खोलेगा या हुक्का बार नहीं चलाएगा। भोजनालय सहित किसी भी स्थान पर ग्राहकों को हुक्का नहीं देगा।
सजा: इसका उल्लंघन करने वालों को कम से कम एक वर्ष और अधिकतम तीन वर्ष तक की सजा हो सकती है। सजा एक वर्ष से कम की नहीं होगी। इसी तरह 50 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। जुर्माना की राशि 10 हजार से कम नहीं की जा सकती।
हुक्के के माध्यम से धूम्रपान पर रोक: कोई भी व्यक्ति किसी भी सामुदायिक हुक्का बार में हुक्का या नरगिल (गड़गड़ा) के माध्यम से धूम्रपान नहीं करेगा।
सजा: ऐसा करते पकड़े जाने पर अधिकतम पांच हजार रुपये तक जुर्माना की सजा हो सकती है। लेकिन जुर्माना की राशि एक हजार से कम नहीं होगी।