० धरती फोड़ प्रकट हुए शिवलिंग का दर्शन करने श्रद्धालुओं का तांता
० सावन मेें हो रही विशेष पूजा-आराधना
राजनांदगांव(दावा)। शहर के उत्तर दिशा की ओर गठुला-भेड़ीकला मार्ग में स्थित भाठागांव में भीषण गर्मी के दिनों में धरती फोड़ प्रकट हुए स्वयं-भू लिंगेश्वर को सावन मास में दर्शन करने के लिए श्रद्धालु भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। यहां तक काश्तकार के खेत में प्रकट हुए उक्त शिव लिंग को काफी चमत्कारी बताया जाता है। उक्त काश्तकार द्वारा खेत में ही बनाए गये स्वयं-भू-लिंगेश्वर मंदिर में यदाकदा-नागराज भी भक्तों को दर्शन देने प्रकट होते है। सावन मास में उक्त स्वयं भू- लिंगेश्वर की पूजा आराधना पूरी भक्ति भाव से की जा रही है। वही श्रद्धालुओं द्वारा भजन कीर्तन का आयोजन नित दिन किया जा रहा है। मंदिर के पुजारी विरेन्द्र साहू ने बताया कि सावन मास भगवान भोलेनाथ का महिना माना जाता है इसलिए भगवान स्वयं भू-लिंगेश्वर को देखने बड़ी संख्या में भक्त जनों का आना-जारी है जिनके द्वारा सावन-सोमवार मेंं पूरी श्रद्धा-भक्ति के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना जारी है। भक्तजनों के द्वारा शिव स्त्रोत, शिव चालिसा का पाठ व महामृंत्युजय जाप से पूरा माहौल शिवमय बना हुआ है। सावन मास के प्रथम सोमवार को भगवान स्वयं भू-लिंगेश्वर की पूरे विधान से पूजा अर्चना की गई है। शहर सहित आसपास के गांवों के शिव भक्त आकर यहां भगवान स्वयं भू लिंगेश्वर में जलाभिषेक दुग्धाभिषेक कर पूरे मनोयोग से पूजा अर्चना की वही ग्रामीण जनों ने भगवान शिव में बेल पत्र धतुरा फल नारियल, धूप आदि चढ़ाए और अपने घर परिवार की सुख शांति की कामनी की।
जड़ी-बूटी की प्रसादी
ग्राम भाठागांव के प्रतिष्ठित नागरिक व स्वयं भू लिंगेश्वर मंदिर समिति के नरोत्तम साहू ने बताया कि मंदिर के पुजारी विरेन्द्र जी बहुत दिनों तक देश के माने हुए भागवताचार्यों के संग में रहे है। इससे उनको मिले धार्मिक ज्ञान को भक्तों में बांटा जाता है इसके साथ ही जड़ी-बूटी के औषधीय ज्ञान का उपयोग लोगों के दूख-दर्द व विभिन्न बीमारियों को दूर करने में किया जाता है। भगवान स्वयं भू-लिंगेश्वर भी कृपा से रोगीजन यहां से चंगे होकर जाते है। भगवान शिव की महत्ता को देखते हुए सावन मास में अधिकाधिक संख्या में लोग उक्त लाभ की प्राप्ति सहित भगवान स्वयं भू- शिव लिंगेश्वर का दर्शन करने आ रहे है।द्ध उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन यहां मेला भी भरता है जिसमें सैकड़ों लोग भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने आते है।