राजनांदगांव/दुर्ग (दावा)। दुर्ग में पुलगांव के पुराने पुल से उफनती शिवनाथ नदी में गिरी कार तीसरे दिन नदी के अंदर मिली। रेस्क्यू टीम महाजाल डालकर कार तक पहुंची थी। इसके बाद कार को क्रेन के जरिए बाहर निकाला गया है। कार के अंदर से एक शव बरामद किया गया है। उसकी पहचान रायपुर पचपेड़ी नाका निवासी निशांत भंसाली पिता मनोहरमल जैन (32 वर्ष) के रूप में हुई है। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
सराफा व्यापारी एवं भाजपा नेता बालू भंसाली ने बताया कि निशांत के पिता मनोहरमल का 18 जुलाई को उसके पास फोन आया था। उन्होंने बताया कि निशांत 17 जुलाई की शाम घर से कहीं चला गया है। इसके बाद रायपुर में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई। पुलिस ने जब निशांत का मोबाइल लोकेशन निकाला तो लास्ट लोकेशन शिवनाथ नदी पुलगांव दुर्ग आया। इसके बाद बालू भंसाली बुधवार को मौके पर पहुंचे थे। जैसे ही क्रेन की मदद से सीजी-04/ एलडब्ल्यू 1177 नंबर की स्विट कार नदी निकली, बालू भंसाली ने कहा ये कार निशांत की है। कार के अंदर एक शव मिला जो की बुरी तरह सड़ गया था। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की मदद से कार के अंदर से एक शव को बाहर निकाला गया। इसके बाद उसे पंचनामा कार्रवाई के लिए दुर्ग जिला अस्पताल भेजा गया। कार के नदी में गिरने से मौत का शिकार हुए युवक निशांत भंसाली शहर के भारत माता चौक स्थित सोने-चांदी के व्यापारी बालू भंसाली का भतीजा था। इनकी लोहारा में निवास स्थान व प्रतिष्ठान है। निशांत रायपुर में रह रहा था। वह घटना के दिन लोहारा से अपनी स्वीफ्ट कार में अकेले ही रायपुर जा रहा था। दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला खुदकुशी का ही लग रहा है। निशांत अकेले यहां आया या उसके साथ कोई और था। घटना कैसे घटी। उसकी मौत कैसे हुई इसका खुलासा पीएम रिपोर्ट और जांच के बाद हो जाएगा। पुलिस निशांत के परिजनों और उसके दोस्तों से भी इस बारे में पूछताछ करेगी।
शिवनाथ नदी में तीन दिन तक चले इस सर्चिंग अभियान में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने मिलकर कार्य किया। टीम के लगभग 50 जवानों के साथ इस कार्य में स्थानीय मछुआरों ने काफी मदद किया। कार को ऊपर लाने के लिए क्रेन से बांधने में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम असफल हो जा रही थी। इसके बाद स्थानीय मछुआरे श्याम कुमार ढीमर और कैलाश ढीमर ने नदी में बिना ऑक्सीजन के डुबकी लगाई और कार को बांधा। इसके बाद क्रेन की मदद से कार को बाहर निकाला गया। उनके इस सराहनी कार्य के लिए उन्हें 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही साथ दुर्ग एसपी राज्य शासन से अनुरोध करेंगे कि इन्हें नदी की निगरानी के कार्य में रखा जाए, जिससे आपदा प्रबंधन इनकी मदद ली जा सके। एसडीआरएफ के प्रभारी नागेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि दो दिन से नदी का जल स्तर लगभग 30 फीट ऊपर था। इससे कार को खोजने में परेशानी हो रही थी। बुधवार को 10 फीट जलस्तर कम होने और बहाव कम होने से उसे खोजने आसानी हुई। एसडीआरएफ की टीम ने सराहनीय कार्य किया और कार को खोज निकाला है।
हजारों की संख्या में पहुंचे लोग
जैसे ही लोगों को यह खबर मिली की कार मिल गई है। उसे देखने के लिए हजारों की संख्या लोग वहां पहुंचे। नया ब्रिज लोगों से खचाखच भरा था। वाहनों को आने-जाने में परेशानी हो रही थी। ट्रैफिक पुलिस की एक टीम दिन भर लोगों को नए ब्रिज से हटाने में लगी रही, लेकिन लोग वहां से हटने का नाम नहीं ले रहे थे।