० पत्नी की हत्या कर विभत्स तरीके से लाश को किया टुकड़ों में तब्दील, पति के निशानदेही पर तालाब से मृतिका के शरीर के अंग, कपड़े व हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद
0 पति-पत्नी के आपसी विवाद बना हत्या का कारण
0 साक्ष्य छुपाने के लिए मृतिका के सिर को गांव के श्मसान घाट के जलती चिता में जलाया
अंबागढ़ चौकी(दावा)। आज पुलिस अधीक्षक प्रफुल ठाकुर ने पत्रकार वार्ता में बताया कि विगत १४ जुलाई को प्रार्थी जगदीश साहू पिता गणेश साहू निवासी गुण्डरदेही थाना अंबागढ़ चौकी ने रिपोर्ट कराया गया कि 12 जुलाई को दोहपर 3:30 बजे से 4:15 बजे के मध्य प्रार्थी की पत्नी पद्मिनी साहू उम्र 32 साल बिना बताए कही चली गई है, जिसका दिमागी स्थिति सही नहीं है। रिपोर्ट पर थाना अंबागढ़ चौकी में गुम इंसान 14 जुलाई को दर्ज कर जांच में लिया गया। 18 जुलाई को जगदीश साहू द्वारा थाना अंबागढ़ चौकी आकर सूचना दिया गया कि ग्राम गुंडरदेही उसके घर के पास के तालाब में एक महिला का शव (धड़) तालाब में तैरता देखा है। जिस पर थाना अंबागढ़ चौकी पुलिस तत्काल घटना स्थल पहुंचकर अज्ञात महिला के शव का धड़ जिसके दोनों हाथ, दोनों पैर व सर कटा हुआ मिला। जिसके पेट में लोहे का पाईप तार से बंधा हुआ मिला। जिस पर थाना अंबागढ़ चौकी में मर्ग क्रमांक 43/2022 धारा 174 सीआरपीसी दर्ज किया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए घटना के संबंध में तत्काल पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मानपुर पुपलेश, एसडीओपी अर्जुन कुर्रे को अवगत कराया गया। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल शव की पहचान कराने आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ करने व मामले का खुलासा जल्द से जल्द करने हेतु थाना प्रभारी एवं सायबर सेल को निर्देशित किया। जिसके बाद तत्काल थाना अंबागढ़ पुलिस, सायबर सेल की टीम, फोरेंसिक टीम, गोताखोर टीम एवं डॉग स्कार्ड मौके पर पहुंची और सभी संयुक्त रूप से छानबीन करने लगी तभी गोताखोर द्वारा तालाब से शव का एक हाथ और एक पैर तार से बंधा हुआ तालाब के अंदर से निकाला गया। फोरेंसिंक टीम द्वारा प्रार्थी जगदीश साहू के घर का सुक्ष्म मुआयना किया गया। जिसमें उन्हें खून के धब्बों को धोने जैसे साक्ष्य मिले। जिससे पुलिस को प्रार्थी जगदीश साहू के ऊपर अपनी पत्नी को मारने का शंका हुआ। संदेही प्रार्थी जगदीश से पूछताछ करने पर वह उस शव का पहचानने से इंकार किया। दूसरे दिन 19 जुलाई को थाना अंबागढ़ पुलिस एवं सायबर सेल की टीम द्वारा संदेही जगदीश के घर एवं दुकान की तलाशी ली गई। जिसमें उसकी पत्नी पद्मिनी के पहने हुए जेवरात उसके दुकान में छुपाकर रखा हुआ मिलने पर जगदीश साहू से गहन पूछताछ की गई। जिस पर आरोपी जगदीश साहू द्वारा कबूल किया गया कि 12 जुलाई को बच्चों के स्कूल जाने के बाद पत्नी के साथ आपसी विवाद हुआ। जिसमें उसके द्वारा पत्नी का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। उसके बाद उसने अपनी पत्नी के शव को दुकान के गोदाम में छुपाकर रखा। बच्चे जब स्कूल से आये और पूछे कि मां कहां है तब बच्चों को बताया कि वह अपने मायके चली गई है।
12 जुलाई के रात्रि को आरोपी द्वारा साक्ष्य छिपाने की नियत से अपनी पत्नी के शव को खीचते हुए एवं कंधे में लाद कर घर से पास तालाब के किनारे ले जाकर पहने हुए कपड़े व जेवरात उतार दिये और टंगिया एवं आरी ब्लेड से दोनों हाथ, पैर व गर्दन को काट कर अलग कर दिया और धड में लोहे के पाईप को घुसाकर एवं शरीर के अंगों को लोहे के तार से बांघकर तालाब के अंदर झाडियों में बांध दिया ताकि कोई अंग ना उफले और उसके सिर को पास के शमशान में दूसरे की जलती चिता में डाल कर जला दिया। साथ ही अपनी पत्नी के पहने हुए कपड़े को भी तालाब के अंदर डालकर उसके उपर पत्थर रख दिया और गहनों को अपने दुकान के दराज में छिपाकर आरोपी द्वारा रखना बताया। जिस पर थाना अंबागढ़ चौकी में धारा 302, 201 भारतीय दंड संहिता कायम कर विवेचना में लिया गया और आरोपी के निशानदेही पर मृतिका के पहने कपड़े, गहने, शरीर के अंग, घटना में प्रयुक्त टंगिया, आरी ब्लेड आदि को बरामद कर आरोपी जगदीश साहू पिता गणेश साहू निवासी गुण्डरदेही थाना अंबागढ़ चौकी को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।
उक्त सम्पूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी अंबागढ़ चौकी कार्तिकेश्वर जांगड़े, सउनि शंकर बर्वे, बिसेलाल कंवर, प्रधान आरक्षक उमरिया, आरक्षक इस्माइल खान, विजय कुर्रे, दिलीप कुमार बांधे, माघवेंद्र नवरत्न, सुशील राऊत, सुरेंद्र मंडावी, सुनील सिंह, पंजा पटेल, ललित कुंजाम, श्रवण दुग्गा, महिला आरक्षक शशिकांता धुर्वे, सहायक आरक्षक श्रवण सलामे, अमृत तुलावी, नरेश सलामे, सायबर सेल से प्रभारी सउनि द्वारिका प्रसाद लाउत्रे, प्र.आर. अनित शुक्ला, आरक्षक मनीष मानिकपुरी, आरक्षक मनोज खुंटे, आरक्षक अवध किशोर साहू, आरक्षक मनीष वर्मा, आरक्षक आदित्य सिंह, आरक्षक हेमंत साहू, एवं नगर सेना गोताखोर टीम राजनांदगाव की अहम भूमिका रही।