जिले में कोरना वैक्सीन लगाने के लिए हायर किए गए वैक्सीनेटर को चार माह से मानदेय नहीं मिला है। बार-बार डिमांड के बाद भी त्यौहार के समय में मानदेय न दिए जाने से वैक्सीनेटर ने काम पर आना ही बंद कर दिया है। इससे जिले में घूम-घूम कर कोविड वैक्सीन लगाने की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य शासन ने घर-घर वैक्सीनेशन के लिए अलग से हायर किया था। इन्हें शासन की ओर से हर महीने निर्धारित मानदेय दिया जाता था। दुर्ग जिले में पिछले 4 महीने इन वैक्सीनेटर को मानदेय नहीं मिला है। इससे दुर्ग और भिलाई और चरोदा में उन्होंने काम पर आना बंद कर दिया है।
वैक्सीनेटर का कहना कहना है कि त्योहारी सीजन में उनका वेतन रोक दिए जाने से वह लोग घर में त्यौहार भी नहीं मना पा रहे हैं। बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने कोविड का बूस्टर डोज लगाने के लिए एएनएम और वेरीफायर को हायर किया है। इन लोगों को मई 2022 से अगस्त 2022 का मानदेय नहीं दिया गया है।
दुर्ग जिले के सीएमएचओ डॉक्टर जेपी मेश्राम का कहना है कि जिले में एएनएम व वेरीफायर काम कर रहे हैं। वैक्सीनेशन का काम कहीं प्रभावित नहीं हुआ है। रही बात मानदेय की तो उन्हें जल्द भुगतान कर दिया जाएगा।
आधे वैक्सीनेटर नहीं आ रहे काम पर
नियम के मुताबिक हायर किए एएनएम और वेरीफायर जब एक दिन में 50 लोगों से अधिक को टीका लगाते हैं। तब उनको 500 रुपए मानदेय दिया जाता है। इससे कम लोगों को टीका लगाते हैं तब यह मानदेय घटकर 250 रुपए हो जाता है। दुर्ग में 15 वैक्सीनेटर हायर किए गए थे। इसमें से सिर्फ 7 ही काम पर आ रहे हैं। भिलाई-चरोदा में हालत यह है कि हायर किए एएनएम व वेरीफायर ने काम पर आना ही बंद कर दिया। अब वहां नियमित स्वास्थ्य कर्मियों से वैक्सीनेशन करवाया जा रहा है।
भिलाई व रिसाली के कर्मचारी आश्वासन के भरोसे
यही हाल भिलाई और रिसाली निगम क्षेत्र का है। यहां हायर किए हुए एएनएम और वेरीफायर ने भी काम पर आने से मना कर दिया था, लेकिन उन्हें जल्द मानदेय दिए जाने का आश्वासन दिया गया है। इसके बाद अब कर्मचारी काम पर आ रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि यदि जल्द वेतन नहीं मिला तो वह लोग काम बंद कर देंगे।