Home समाचार निलंबित IPS रजनेश सिंह को हाईकोर्ट ने दिया तगड़ा झटका, बहाली का...

निलंबित IPS रजनेश सिंह को हाईकोर्ट ने दिया तगड़ा झटका, बहाली का आदेश किया निरस्त

41
0

प्रदेश के निलंबित आइपीएस रजनेश सिंह को हाई कोर्ट के फैसले से तगड़ा झटका लगा है। अपने महत्वपूर्ण फैसले में चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी व जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की डिवीजन बेंच ने कहा है कि राज्य शासन की ओर से उनके निलंबन आदेश को यूनियन पब्लिक सर्विस के नियमों का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।

बिलासपुर। निलम्बित आईपीएस रजनेश सिंह को बहाल करने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (केट) जबलपुर के आदेश को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया। डिवीजन बेंच ने कहा कि राज्य समीक्षा समिति का अनुमोदन लेकर निलंबन जारी रखने का आदेश देना भारतीय सेवा नियम, 1969 के नियम 3 (18) का उल्लंघन नहीं है।

rajnesh.jpg

रजनेश सिंह (निलंबित आईपीएस) को उनके विरुद्ध राज्य आर्थिक अपराध ब्यूरो छत्तीसगढ़ में पंजीबद्ध अपराध की वजह से शुरू की गई विभागीय जांच के कारण 9 फरवरी 2019 को आदेश जारी कर निलंबित कर दिया गया था। शासन द्वारा राज्य समीक्षा समिति का अनुमोदन प्राप्त कर समयांतर में निलंबन जारी रखने का आदेश पारित किया गया। रजनेश सिंह ने अपने निलंबन तथा उसे जारी रखने के आदेश के विरुद्ध अपील प्रस्तुत की जिसे केन्द्र सरकार ने गुण दोष के आधार पर खारिज कर दिया। इस आदेश के विरुद्ध रजनेश सिंह ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, जबलपुर में आवेदन प्रस्तुत किया। केट जबलपुर ने अपने आदेश दिनांक 16/11/2021 द्वारा राज्य शासन के आदेश को अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 की नियम 3 (18) का उल्लंघन मानते हुए सिंह का निलंबन जारी रखने तथा अपीलीय आदेश को निरस्त कर छत्तीसगढ़ शासन को दो माह के भीतर इन्हें बहाल कर परिणामी लाभों को प्रदान करने के लिए आवश्यक आदेश पारित करने निर्देशित किया था।

छत्तीसगढ़ शासन ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण के उक्त आदेश को रिट याचिका के माध्यम से चुनौती दी। इसमें हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत तर्कों पर विचार कर विधि एवं नियमों के अनुसार निर्णय दिया। हाईकोर्ट ने अवधारित किया कि शासन ने राज्य समीक्षा समिति का अनुमोदन प्राप्त करने के उपरांत निलंबन जारी रखने का आदेश पारित किया। अत: इसे अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 की नियम 3 (18) का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।शासन द्वारा प्रस्तुत याचिका स्वीकर कर कोर्ट ने केट जबलपुर द्वारा पारित आदेश निरस्त कर दिया।

क्या हैं IPS रजनेश पर आरोप
रजनेश सिंह 2017 में एंटी करप्शन ब्यूरो में एसपी रहे। इस दौरान उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों से दस्तावेज में बैक डेट में रिकार्ड दुरुस्त कराया था। इसके साथ ही उन्होंने नियमों की अनदेखी कर आम नागरिकों की फोन टेपिंग कराई थी। इसके माध्यम से जानकारी हासिल कर उसे बतौर साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत किया था। इसके अलावा उन पर शासन को गुमराह करते हुए अपने पद और कर्तव्यों का दुरुपयोग करने का आरोप है। इन सभी आरोपों पर राज्य शासन ने विभागीय जांच के आदेश दिए और उन्हें नौ फरवरी 2019 को निलंबित कर दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here