रोजमर्रा के सामानों की ऑनलाइन मांग बढ़ी
ऑनलाइन कारोबार में वृद्धि, ऑफलाइन में कमी, सरकार का नियंत्रण नहीं, छोटे व्यापारियों को हो रहा नुकसान
(मयंक सुराना)
गंडई पंडरिया (दावा)। ऑनलाइन शॉपिंग ने स्थानीय व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। गणेश पक्ष निकालने के बाद नवरात्र आने को है। नवरात्र के बाद दीपावली पर्व लेकिन बाजार में उम्मीद के अनुसार रौनक नहीं आई है। ऐसा नहीं कि लोग खरीदी नहीं कर रहे हैं। घर बैठे ऑनलाइन खरीदी के चलते लोग बाजार नहीं पहुंच रहे है। अपनी आवश्यकता की सामग्री घर बैठे ऑनलाइन बुला रहे हैं। ऑनलाईन शॉपिंग में सरकार का नियंत्रण ना होने से स्थानीय व्यापारियों ने आक्रोश पनप रहा है। व्यापारियों ने ऑनलाइन शॉपिंग पर सरकार से नियंत्रण की मांग भी की है। नवरात्र, दीपावली के पहले ऑनलाइन शॉपिंग ने स्थानीय व्यापारियों की चिंता और अधिक बढ़ा दी है। व्यापारियों ने बताया कि ऑनलाइन व्यापार से हर व्यापार को नुकसान हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार टैक्स लगाए जा रहे है, लेकिन हमारा टर्नओवर गिरता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण ऑनलाइन शॉपिंग का होना है। व्यापारियों ने बताया कि मोबाइल से लेकर कपड़ा व्यवसाय तक ऑनलाइन शॉपिंग से लाखों का नुकसान झेल रहा है। इसी तरह हार्डवेयर सहित मेडिकल व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है।
ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण नगर सहित छोटे कस्बों से खरीददारों की चहल-पहल करीब खत्म-सी हो गई है। अधिकतर लोग ऑनलाइन शॉपिंग को तवज्जों दे रहे है। इससे व्यापारियों को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। ऑनलाइन शॉपिंग पर मिलने वाला डिस्काउंट भ्रमित करने वाला है। वहीं ठगी के शिकार होने की संभावना भी रहती है। कुछ दिनों बाद नवरात्रि, फिर दीपावली है। ऐसे में ग्राहकों की दुकानों से दूरी चिंता का विषय है। नगर की जनसंख्या लगभग 20 हजार से अधिक है। वही आसपास के गांवो में भी दर्जनों जीएनवी वाले बाजार खरीदी करने आया करते थे। वहीं विभिन्न व्यवसायों से संबंधित दुकानदारों की संख्या सैकड़ों में है, लेकिन हर दुकानदार आर्थिक मंदी सहित टर्नओवर की कमी से जूझ रहा है। सबसे ज्यादा असर मोबाइल, कपड़ा, फुटवियर, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के व्यवसायियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। त्योहारों के सीजन में ग्राहकों के लिए कितना स्टॉक कर रखें यह तय नहीं हो पा रहा है।
बेरोजगार हो रहे लोग
देश सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई कंपनियां भी ऑनलाइन व्यापार करने वाली कंपनियों को तवज्जो दे रही है। ऐसे में रिटेलर को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के हजारों रिटेल काउंटर बंद होने की कगार पर है। वहीं कई युवाओं को नौकरी से निकाला जा चुका है। इससे बेरोजगारी तो बढ़ ही रही है। वहीं व्यापार भी चौपट होने की कगार पर पहुंच गया है। यदि यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब रिटेल काउंटर पर ग्राहकों का आना बंद हो जाएगा। पिछले 1-2 वर्षों में कई बड़े व्यापारियों ने अपने यहां स्टाफ कम कर दिया है। वर्तमान में दुकानदारों को बिक्री कम होने से कई खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है। सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारियों की हो रही है, जिनकी दुकानें किराए से ली हुई है, उन्हें अपने लाभ में किराए सहित अन्य खर्चों को निकालना पड़ता है। ऐसे में उन्हें ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
रिटेल काउंटर पर प्रभावित हुई सेलिंग
मोबाइल दुकान संचालकों ने बताया कि मोबाइल बिक्री ऑनलाइन होने से रिटेल काउंटर पर सेलिंग प्रभावित हुई है। ऑनलाइन कंपनियां मोबाइल में जो डिस्काउंट देती है, उससे ग्राहक आकर्षित हो रहे हैं। इसलिए ऑनलाइन पर बिक्री बढ़ रही है। हालांकि ऑनलाइन खरीदी के बाद ग्राहकों को सर्विस उस तरह से नहीं मिल पाती जिस तरह से रिटेलर दे सकते हैं। वर्तमान में ग्राहक पहले मोबाइल सहित अन्य एसेसरी का दाम देखता है। उसके बाद के रिटेल काउंटर पर मोलभाव करता है। कई बार ग्राहकों को बिना मुनाफे के बिक्री करनी पड़ती है। कुछ महीनों में ऑनलाइन व्यापार में बढ़ोतरी के कारण रिटेलर को नुकसान हुआ है।
ऑनलाइन खरीदी और बिक्री को करें नियंत्रित- अनिल अग्रवाल
इलेक्ट्रॉनिक दुकान व्यापारि अनिल अग्रवाल ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान की बिक्री बढऩे से रिटेल काउंटर पर ग्राहकों की कमी देखी जा रही है। कई बार शिकायत पर मिलती है कि जो आइटम ऑनलाइन बुलाए गए है, उनमें कुछ खराबी आती है। जिसे सुधारना या वापस करना आसान नहीं होता। सरकार को चाहिए कि ऑनलाइन खरीदी और बिक्री को इस तरह नियंत्रित किया जाए। इससे रिटेलर को नुकसान ना हो। उन्होने अपील की है क एक बार दुकान में जो खरीदना हो उसका रेट पता करे और वही से ऑनलाइन रेट पता करे निश्चित ही दुकानदार आपको उससे कम में समान देगा। मेडिकल दुकान संचालको ने बताया कि मेडिकल से जुड़ी दवाइयों और अन्य सामानों की बिक्री भी अब ऑनलाइन होने लगी है। इस कारण से कंपटीशन बढ़ गया है। ऑनलाइन शॉपिंग के कारण मेडिकल संचालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। हमें लाखों रुपए इंवेस्ट करने पड़ते है, लेकिन ऑनलाइन व्यापारी हमारे व्यापार को नुकसान पहुंचा रहे।
गौतम चंद जैन
वरिष्ठ व्यापारी गौतम चंद जैन ने कहा कि इसके लिए हमें ही जागरूक होना होगा और ऑनलाइन समान न मंगा कर अपने पास के ही लोकल मार्केट से खरीददारी कर बेफिजूल खर्चों से भी बचा जाए अपने लोकल बाजार को मजबूत बना कर एक जिम्मेदार नागरिक होने का सबूत दे ताकि आने वाली पीढ़ी व्यापारी नामक चिडिय़ा को विलुप्त होता न देखे।
आनलाइन बाजार बना कैंसर – दिनु थद्दानी
राधा स्वामी जनरल स्टोर के संचालक दिनु थद्दानी ने अपनी भी राय रखी। ऑनलाइन बाजार कैंसर की तरह पूरे बाजार पर अपना कब्जा जमा चुका है और दिन-ब-दिन यह गहराता ही जा रहा है। अगर समय रहते इस पर अंकुश न लगाया गया तो एक दिन यह ऑनलाइन नामक अजगर पूरे बाजार को ही निगल जायेगा। आज हर व्यक्ति घर बैठे रोज कुछ न कुछ ऑनलाइन खरीदी कर ही रहा है, चाहे वह जरूरत में हो या फिर न हो। गंडई में इसकी शुरुवात अल्प मात्र से हुई थी और आज पार्सलों का अंबार रोज गंडई और इसके आसपास के इलाकों में आ रहा है। तो कहां से ग्राहक बाजार में आएगा और कहां से बाजार में रौनक होगी। रोजाना गाडियां भर के जो यह पार्सलों के पहाड़ बाजार में आ रहे हैं। उस से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मार्केट से ग्राहक क्यों गायब है।