रायपुर। कलेक्टर्स कांफे्रंस के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सख्त प्रशासक के तौर पर नजर आए। किसानों, गरीबों और ग्रामीणों की समस्या को तय समयसीमा में नहीं निपटाने पर कलेक्टरों को सधे अंदाज में मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी। उन्होंने राजस्व विभाग के ढीले-ढाले कामकाज पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टरों से कहा कि राजस्व का काम-काज चुस्त-दुरूस्त होना चाहिए। वहीं, खराब सडक़ों पर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों से दो टूक कहा कि अगर दिसंबर तक प्रदेश की सभी सडक़ें गड्ढा मुक्त नहीं होती है, तो खैर नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खराब सडक़ों की मरम्मत की निगरानी कलेक्टर स्वयं करें।सडक़ मरम्मत के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने तल्ख लहजे में कहा कि सडक़ों का निर्माण प्राथमिकता है, कौन सा विभाग निर्माण करता है, यह मायने नहीं रखता। मुख्यमंत्री ने छह हजार 181 किलोमीटर की सडक़ों में तत्काल पैचवर्क करके ठीक करने के निर्देश दिए। राजस्व प्रकरणों के निपटारे में देरी पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राजस्व अधिकारी अपनी कार्यशौली में बदलाव लाएं। नामांतरण और सीमांकन सहित सभी राजस्व प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में करने का निर्देश दिया। अतिवृष्टि एवं अल्पवृष्टि से फसल क्षति के मामलों में किसानों को राहत राशि दिलाने में संवेदनशीलता से कार्य करने की नसीहत भी दी। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर और कमिश्नरों से साफ कहा कि वह नियमित रूप से तहसीलों का निरीक्षण करें और भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री बघेल की भेंट मुलाकात कार्यक्रम में सबसे ज्यादा शिकायत पटवारियों की मिली थी। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि तीन साल से एक स्थान पर जमे पटवारियों का तबादला करें। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में सीमांकन प्रकरणों में देरी पर भी गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में राजस्व अमलों को बदला जाए। उन्होंने राजस्व आय की प्राप्तियों पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
दौरे में नहीं मिलनी चाहिए खराब सडक़ की शिकायत
मुख्यमंत्री ने राज्य में अनेक जगहों पर खराब सडक़ों की शिकायतों पर सख्त रवैया अपनाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि, सडक़ों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। मुझे खस्ताहाल सडक़ों को लेकर कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में हिदायत देते हुए कहा कि दौरे पर जाऊंगा तो खराब सडक़ों की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। सडक़ हर हाल में बनना चाहिए। सडक़ किसी भी विभाग की हो, मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री इतने नाराज थे कि उन्होंने कहा कि वह अब इस विषय पर दोबारा चर्चा नहीं करेंगे। सडक़ निर्माण की सभी संस्थाओं को आपस में कोआर्डिनेट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी विभाग को सडक़ निर्माण में दिक्कत है, तो वो एनओसी दे, जिसके बाद लोक निर्माण विभाग काम करेगा।
बैगा, गुनिया, पुजारियों को मिले न्याय योजना लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में बैगा, गुनिया, पुजारियों को भी जोड़ा गया है। उनको योजना की जानकारी के साथ-साथ लाभ दिलाएं।