हितग्राहियों की शिकायतों का बाढ़… चुप्पी साधे बैठा खाद्य विभाग
राजनांदगांव (दावा)। केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत राशन कार्डधारियों को प्रति सदस्य पांच किलो राशन मुफ्त देना है। गरीब लोगों केे लिए पहले से चल रही हर माह की कोटे की खाद्यान्न योजना के अलावा केन्द्र सरकार द्वारा इस स्कीम को अक्टूबर में तीन माह के लिए दिसंबर तक बढ़ाया है। चुंकि अक्टूबर और नवंबर माह का आबंटन नवंबर माह से देने के निर्देश है लेकिन नवंबर माह में आबंटन आने के बाद भी निर्धारित मात्रा में राशन नदी मिलने की शिकायते है। राशन दुकानों में गरीबों के खाद्यान्न में मनमाने ढंग से कटौती किये जाने की बात सामन आ रही है। यदि किसी राशन दुकान द्वारा प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना का खाद्यान्न दिया भी जा रहा है। उसमें काटामारी की जा रही है। लखोली क्षेत्र के राशन दुकानों में इस तरह की काटामारी की शिकायत मिली है। एक हितग्राही ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके यहां 6 युनिट है लेकिन उसे मात्र 45 किलो चांवल मिला जबकि उन्हें गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत अक्टूबर माह का 30 किलो व नवम्बर माह का भी 30 किलो दोनों मिलाकर 60 किलो चांवल मुफ्त देने थे किन्तु उन्हे 45 किलो चांवल थमा दिया गया। जब बाद में उसे पता चलने पर राशन दुकान वाले से दरयाफ्त की तब उसने काफी ना-नुकुर के बाद 15 किलो चांवल बाद में देेने की बात कही। यदि उक्त हितग्राही केन्द्र सरकार के उक्त गरीब अन्न कल्याण योजना के बढ़े हुए चांवल की ओर ध्यान नहीं देता तो राशन दुकान वाला 15 किलो चांवल हजम करने से नहीं चूकता।
राशन दुकानों में कांटामारी का खेल
ऐसे काटामारी का खेल बजरंगपुर नवागांव के राशन दुकान में भी चलने की बात सामने आई। इन्होंने भी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 4 सदस्यों वाले उनके राशन कार्ड में गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत अक्टूबर-नवम्बर दोनों माह का 40 किलो चांवल मुफ्त देना था लेकिन राशन दुकानदार ने उसे राज्य के हर माह के कोटे का 35 किलो के अलावा अन्न कल्याण योजना का इस माह का 20 किलो लेकिन गत माह अक्टूबर का मात्र 5 किलो राशन दिया गया। जबकि शासन के निर्देशानुसार हितग्राही को कुल 75 किलो राशन देना था लेकिन उसे मात्र 60 किलो राशन दिया गया। इस तरह 15 किलो चांवल की काटामारी कर दी गई। इस बारे में राशन दुकानदार से पूछे जाने पर ऐसे ही आदेश आने की बात कह हितग्राही का मुंह चूप कर दिया गया। इसी तरह की शिकायते आम हो गई है। हितग्राही चूंकि कम पढ़े लिखे होने के कारण राशन दुकानदारों के हाथों ठगा जा रहे है। राशन दुकान जितना भी दे दे रहे है। चुपचाप लेकर चले जा रहे है। थोड़े पढ़े-लिखे किस्म के लोग प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना की जानकारी रखते है उनके द्वारा पूछे जाने पर राशन दुकानदारों की चोरी पकड़ी जा रही है। पकड़े जाने पर या तो हितग्राहियें को इधर-उधर की बात कहकर या ऐसे तो निर्देश आने की बाते बता कर उन्हें घुमा दिया जा रहा है या फिर लफड़े में न पडऩे के खातिर काटामारी का शेष चांवल बाद में देने की बात कह अपने आपको बचा लिया जा रहा है।
खाद्य विभाग मौन
राशन दुकानों में इस तरह की कांटामार की शिकायतों की भनक खाद्य विभाग के अधिकारियों तक पहुंच चुकी है, किन्तु अधिकारी जांच कराने की दिशा में तत्पर नजर नहीं आ रहे। इससे गरीबों को शासन से मिलने वाली अनाज में कांटामारी करने वाले राशन दुकानदारों के हौसले बुलंद है। काटामारी की गई चांवल बड़ी मात्र में किराना दुकान अनाज दुकानों में खपाए जाने की भी शिकायत है। लेकिन खाद्य विभाग इस ओर पूरी तरह मौन साधे हुए है। यदि राशन दुकानों के साथ-साथ किराना दुकान अनाज दुकान आदि दुकानों में चांवल आने का स्त्रोत पता लगाया जाए तो इन दुकानदारों का गोरख धंधा खुल कर सामने आ सकता है।