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सौम्या की हिरासत 2 जनवरी तक बढ़ी : चौरसिया की वीडियो कांन्फे्रसिंग से सुनवाई, सरकार ने निलंबित किया

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में मनी लांड्रिंग केस में फंसी राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया की हिरासत अवधि बढ़ा दी गई है। प्रवर्तन निदेशालय-ईडी ने सोमवार को उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विशेष अदालत में पेश किया। वहां एजेंसी के आवेदन पर उन्हें दो जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में ही रखे जाने का आदेश हुआ है। इस बीच सरकार ने सौम्या चौरसिया को निलंबित कर दिया है। न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने पर सोमवार को सौम्या को अदालत में लाया जाना था। इस बीच रणनीति बदली गई और अदालत का आदेश लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग-वीसी से पेशी की व्यवस्था हुई।
पिछले सप्ताह अदालत ने आरोपियों को जेल भेजते हुए कहा था कि बहुत जरूरी न हो तो इनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराई जा सकती है। सोमवार को सौम्या चौरसिया जेल से ही अदालत में पेश हुईं। इस दौरान ईडी की ओर से एक आवेदन देकर कहा गया कि चौरसिया के बाहर निकलने से सबूतों से छेड़छाड़ का खतरा होगा। दलीलों को सुनने के बाद विशेष अदालत ने न्यायिक हिरासत की अवधि 2 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी। सौम्या को ईडी ने दो दिसम्बर को गिरफ्तार किया था। पहले उनको 6 दिसम्बर तक श्वष्ठ की हिरासत में भेजा गया था। उसके बाद 10 दिसंबर तक फिर 14 दिसम्बर तक के लिए ईडी को कस्टडी मिली। इस तरह ईडी ने सौम्या से हिरासत में 14 दिनों तक पूछताछ की है। 14 दिसम्बर को उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। तबसे वे जेल में ही बंद हैं। इस मामले में दूसरे आरोपियों निलंबित आईएएस समीर विश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल को 13 जनवरी को अदालत में पेश किया जाना है।

जेल भेजे जाने के दूसरे दिन निलंबित
इस बीच राज्य सरकार ने 15 दिसंबर को सौम्या चौरसिया को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है। सिविल सेवा आचरण नियम के हिसाब से कोई सरकारी सेवक 24 घंटे के लिए जेल जाए तो उसका निलंबन होता है। ऐसे में 14 दिसंबर को चौरसिया को जेल भेजा गया और 15 दिसंबर को निलंबन आदेश जारी हो गया। हालांकि सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रवर्तन निदेशालय की 10 दिसंबर को जारी विज्ञप्ति को निलंबन का आधार बनाया है। इस विज्ञप्ति में सौम्या चौरसिया को दो दिसम्बर को गिरफ्तार कर लिये जाने का जिक्र है।

इससे पहले आरोपियों से जुड़ी संपत्तियां अटैच हुई हैं
पिछले सप्ताह 9 दिसम्बर को ईडी ने मनी लांड्रिंग केस के पांच आरोपियों से जुड़ी करीब 100 संपत्तियों को अटैच कर लिया था। इसमें 65 संपत्तियां कारोबारी सूर्यकांत तिवारी से जुड़ी हुई हैं। वहीं सौम्या चौरसिया से जुड़ी 21 संपत्तियां हैं। निलंबित आईएएस समीर विश्नोई से जुड़ी पांच संपत्तियां भी अटैच की गई हैं। शेष संपत्तियां सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी से जुड़ी हुई हैं। इस संपत्ति की कीमत 152 करोड़ 31 लाख रुपए बताई जा रही है।

11 अक्टूबर से शुरू हुई कार्रवाई अब भी जारी
प्रवर्तन निदेशालय-ईडीने 11 अक्टूबर को प्रदेश के कई अफसरों और कारोबारियों के 75 ठिकानों पर छापा मारा था। प्रारंभिक जांच और पूछताछ के बाद 13 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स के तत्कालीन सीईओ समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और वकील-कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी की गिरफ्तारी हुई थी। उनको 14 दिन की पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। 29 अक्टूबर को इस मामले में आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में समर्पण कर दिया। 10 दिन की पूछताछ के बाद सूर्यकांत को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। तबसे चारो आरोपी जेल में बंद हैं। इस बीच ईडी की दूसरे अफसरों और कारोबारियों से पूछताछ जारी रही। इस केस से जुड़े लोगों से पूछताछ अब भी जारी है। बताया जा रहा है, इस सप्ताह एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया जा सकता है।

चार आरोपियों के खिलाफ अभियोग पत्र भी आ चुका
ईडी ने पिछले शुक्रवार को चार आरोपियों सूर्यकांत तिवारी, समीर विश्नोई, सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी के खिलाफ अदालत में अभियोग पत्र भी पेश कर दिया है। आरोप है, इन लोगों ने 16 महीनों में ही कोयला परिवहन से 540 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की है। यह रकम अफसरों-कारोबारियों में बांटी गई है। अवैध वसूली की रकम कोयला कारोबार और जमीन में लेयरिंग की गई है।

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