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धान का पैसा निकालने बैंकों में किसानों की भीड़

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बैंक के खुलने से पूर्व किसानों की लग जाती है लाइनें
राजनांदगांव(दावा)।
इन दिनों जिलों में धान खरीदी का कार्य दु्रत गति से जारी है। उस हिसाब से किसानों के खाते में पैसा भी आ रहा है। अब तक दो तिहाई किसानों ने समर्थन मूल्य धान बेच लिया है। जिसकी राशि उनके खाते में जमा हो रही है। किसान अपने धान बिक्री की राशि लेने के लिए बैंकों में आ रहे है, जिससे बैंकों में उनकी खासी भीड़ नजर आ रही है। किसान अपने बैंक खाते में पैसे निकाल कर अपने निजी उपयोग में ला रहे है या फिर किसानी कार्य के लिए कर्ज को इन पैसो से चुकता किया जा रहा है। बहरहाल जिले के जिला सहकारी बैंक सहित सहकारी समितियों में धान का पैसा निकालने के लिए किसानों की भीड़ नजर आ रही है।

दो तिहाई किसानों ने बेचा धान
बता दे कि सिर्फ राजनांदगांव जिले में ही दो तिहाई किसानों ने लगभग 8 अरब का धान बेच लिया है। धान विक्रय के बाद तीन-चार दिनों में समितियों के माध्यम से बैंक खाते में पैसा जमा होती है जिसकी सूचना पंजीकृत मोबाईल नम्बर में अंकित हो जाती है जिसे निकालने के लिए किसानों को जिला सहकारी बैंक अथवा सहकारी समितियों तक आनी पड़ती है। इससे किसानों की भीड़ सहकारी समितियों व बैंकों में उमड़ रही है।

बता दे कि जिले में अब तक 92 हजार किसानों ने 37 लाख 87 हजार क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर बेचा है। इसका मूल्य लगभग 7 अरब 75 करोड़ रूपये है। इसमें से परिवहन मात्र 19 लाख क्विंटल का हुआ है यानि लगभग 18 लाख क्विंटल धान समितियों में जाम है। सप्ताह भर पहले ड्राईव्हरों की हड़ताल को परिवहन नहीं होने की वजह बताया जा रहा था अब जबकि ड्राईव्हरों का हड़ताल 4-5 दिन पहले खत्म हो चुका है उसके बाद भी परिवहन में तेजी नहीं देखी जा रही है।

बैंक खुलने के पहले ही भीड़
राजनांदगांव जिले में जिला सहकारी बैंक से सम्बंधित बहुत से गांव आ जाने के कारण धान का पैसा निकालने के लिए इस बैंक में किसानों की सबसे ज्यादा ही भीड़ नजर आती है। इससे आलम यह बनता है कि बैंक खुलने के एक घंटे पूर्व ही किसानों की लाइन लगनी शुरू हो जाती है। इधर जैसे-जैसे खरीदी तेज होती जा रही है। बैंकों किसानी की भीड़ बढ़ती जा रही है। गनीमत है कि अभी गर्मी का सीजन नहीं है। नहीं तो किसानों को बैंक में लाइन लगाए खड़े-खड़े पसीने से तरबतर हो जाना पड़ता। खास तौर से ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों का सहकारी बैंक में सैलाब उमड़ पड़ रहा है। जानने में आया है कि गैंदाटोला सहकारी समिति में प्रतिदिन दो से ढाई सौ किसान धान की राशि निकालने के लिए पहुंच रहे है। तिलईखार, बहमनी क्षेत्र के किसान तुमड़ीबोड़ सोसायटी पहुंचकर अपनी राशि निकाल रहे है। इससे यहां भी भीड़ नजर आ रही है।
इसी तरह शहर के जीई रोड स्थित जिला सहकारी बैंक में धान का पैसा निकालने पहुंचे टटेंगा, भरदा क्षेत्र के किसान फगवा राम ने बताया कि धान इस बार उन्होंने लगभग ढ़ाई सौ कट्टा धान बेचा है। कन्हारपुरी के किसान मोहित व मन्नू ने बताया कि उन लोगों ने कन्हारपुरी उपार्जन केन्द्र में धान बेचा है जिसका सूचना उनके मोबाइल नम्बर में आई है। उसका पैसा वे निकालने आए है। इस राशि से व अपने और घर के सदस्यों की पंसद की चीजे खरीदेंगे वही किसी का लिए-दिये का लागा-बोड़ी चूकता की जाएगी।

धान खरीदी पर एक नजर
जिला सहकारी बैंक के सीईओ सुधीर सोनी से मिली जानकारी के अनुसार राजनांदगांव जिले में 26 दिसम्बर को 93994 किसानों ने 387538.80 क्विंटल धान बेचा है, जिसकी राशि 79372.95 लाख है। इसकी लिकिंग वसूली 27178.39 लाख है, वही परिवहन 2066527.40 क्विंटल का हुआ है। इसी तरह खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में 49231 किसानों से 2097332.00 क्विंटल धान खरीदा गया। जिसका परिवहन 1181461.60 क्विंटल है। मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी में 25068 किसानों से कुल 1101024 क्विंटल धान की खरीदी की गई। जिसमें परिवहन मात्र 638624.80 क्विंटल का हुआ है। इससे पता चलता है कि अभी उपार्जन केन्द्रों व समितियों में लाखों क्विंटल धान जाम है।

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