राजनांदगांव(दावा)। धर्म और सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध, संत सिपाही खालसा पंथ के सृजनहार दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी का आगमन पर्व सम्पूर्ण सिख जगत द्वारा गुरुवार 29 दिसंबर को अपार हर्ष उल्लास एवं सत्कार के साथ मनाया जा रहा है। राजनादगांव गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा द्वारा भी समाज तथा अपनी सहयोगी संस्थाओं द्वारा विगत कई दिनों से विविध आयोजन लगातार जारी है।
गत 2 माह से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ तथा 21 दिनों से प्रात: प्रभात फेरियो की श्रृंखला जारी है। बच्चों तथा संगत द्वारा सिमरन, सिंह साहेब ज्ञानी मान सिंह अमृतसर का कथा विचार ,स्टीलमैन अमनदीप सिंह का शो, स्किट, गतका, शहादत ए सफर मार्च एवम गोष्ठी तथा रक्तदान शिविर आदि विविध आयोजन किए गए।
इसी तारतम्य में मंगलवार 27 दिसंबर को गुरुद्वारा साहिब से दोपहर 2.30 बजे श्री गुरुग्रथ साहिब की भव्य शोभायात्रा तथा विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया है। पंज प्यारों की अगुवाई में अरदास उपरांत शोभा यात्रा गुरूघर से आरंभ होगी। भाईयों बहनों के कीर्तनी जत्थे कीर्तन तथा गुरबाणी गायन द्वारा आयोजन को सार्थकता प्रदान करेंगे। शोभा यात्रा हेतु विशाल वाहन को विशेष रूप से पुष्प मालाओं तथा गुरबाणी उपदेशों द्वारा सुसज्जित किया गया है। स्टीलमैन अमनदीप सिंह का शो, स्वर्ण मंदिर दरबार साहिब अमृतसर की विशाल झांकी, रायपुर की सिख बैंड, पुष्प वर्षा करती तोप गाड़ी तथा गतका पार्टी नगर कीर्तन का मुख्य आकर्षण रहेंगे। नगर कीर्तन मानव मंंिंदर चौक, सिनेमा लाइन, गंज लाइन, पुराना बस स्टैंड, जी.ई रोड ,भगत सिंह चौक से गुरुनानक चौक होती रात 7 बजे वापिस गुरुद्वारा पहुंचेगी। जहां 1 घंटे के लिए भाई राजिंदर सिंह जालंधर वाले जत्थे का शबद कीर्तन आयोजित है, तत्पश्चात अरदास, सुखासन तथा गुरु का लंगर वितरित होगा।
प्रकाश पर्व हेतु गुरूद्वारा साहिब को विद्युत झालरों तथा पूरे रास्ते को विशेष रूप से सजाया गया है। आगमन पर्व हेतु जालंधर के रागी जत्थे भाई राजिंदर सिंह को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है जो 28 तथा 29 दिसंबर को सुबह तथा रात के दीवान में भक्तिमय शबद कीर्तन द्वारा संगत को भाव विभोर करेंगे। इसके साथ ही हजूरी रागी जत्था भाई जोगिंदर सिंह पटियाला वाले भी लगातार 27 से 29 दिसंबर तक दोनो दीवान में शबद कीर्तन द्वारा संगत को भक्ति भावना से जोड़ कर प्रेरित करेंगे।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सभी भाइयों बहनों से निवेदन किया है कि नगर कीर्तन तथा आगमन पर्व के सभी आयोजनों में उपस्थित होकर सहयोग कर गुरुघर की खुशियां प्राप्त करें।