० मालवाहक ट्रक के टक्कर से कालेज छात्रा की गई जान
० लोडिंग गाडिय़ों के ड्राईवर-कण्डक्टरों के लिए बना परेशानी का सबब
राजनांदगांव(दावा)। इन दिनों बम्पर मात्रा में धान खरीदी होने के कारण मिलिंग के लिए उसे राइस मिलरों को दिया जा रहा है। राइस मिलर्स उसे चांवल बनाकर सीधे एफ.सी.आई. गोदाम में भेज रहे है। इससे रामदरबार चौक प्रेस क्लब रोड में स्थित एफ.सी.आई. गोदाम में चांवल से लदे वाहनों की कतारें लग गई है। रामदरबार चौक से लेकर पार्रीनाला व इसके कुछ आगे तक लगी ट्रकों की कतारें से आमजन के लिए परेशानी का कारण सिद्ध हो रहा है। इससे लोगों के आवागमन में सिर्फ अवरोध पैदा नहीं हो रहा अपितु लम्बी लाइन लगाए दूर तक खड़े वाहन दुर्घटना का कारण बनेंगे। इसके बाद भी यातायात विभाग का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा।
हादसे की शिकार हुई छात्रा
बता दे कि नववर्ष के एक दिन पूर्व इन लम्बी कतारों वाली सडक़ को घेरे वाहनों के चलते एक आयुर्वेदिक कालेज की छात्रा हादसे का शिकार हो गई। एफसीआई गोदाम में चांवल खाली कराने आए ट्रक के द्वारा आगा-पीछा करते समय कालेज की छात्रा संजना रजक पिता भरत रजक 25 वर्ष की स्कूटी को टक्कर मार दिया गया जिससे उक्त युवती की मौत हो गई। घटना युगांतर स्कूल मैदान के समीप की है। यहां पर ज्यादातर ट्रकें अपना अड्डा जमाए रखे हुए है। रामदरबार चौक से जलाराम होटल व युगांतर स्कूल मैदान तक इन लोडेड ट्रकों की कतारें देखी जा सकती है। जहां पर अपनी बारी आने के इंतजार में लाइन लगाने के लिए ट्रकों को आगा-पीछा करते देखा जा सकता है। इस कार्य में बगल से गुजरने वाले वाहन चालक या राहगीर प्राय: इनकी चपेट में आकर हादसे का शिकार हो रहे है। पिछले पखवाड़े भर से जारी ट्रकों की इस लम्बी कतार को कम करने न तो एफसीआई गोदाम के अधिकारी ध्यान दे रहे और न यातायात विभाग की इस ओर दृष्टि है।
ट्रक ड्राईवरों की बढ़ी परेशानी
बता दे कि एफसीआई गोदाम में मिलरों का माल खाली कराने रायपुर, दुर्ग, धमतरी, कवर्धा, बेमेतरा आदि जगहों से गाडिय़ा बड़ी संख्या में आ रही है। जिसमें ड्राईवर कण्डक्टर प्राय: यूपी-बिहार के है। इन्हें एफसीआई गोदाम में माल खाली कराने में दो-दो, तीन-तीन दिन लग जा रहा है। इससे इस कडक़ड़ाती ठंड में इन्हें खुले आकाश में रहना पड़ रहा है। जिससे उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। बिहार निवासी ट्रक चालक बाबू सिंह ने बताया कि एफसीआई गोदाम के अधिकारियों की मनमानी की वजह से उनके ट्रक जल्दी खाली नहीं कराए जा रहे है।
उन्होंने बताया कि शायद लेन-देन करने वालों को जल्द ही छोड़ा जा रहा है। उन्हें रात के अंधेरे में रूकना पड़ता है। इससे ट्रकों के सामान चोरी होने का भय बना रहता है। रात में शराबी व कबाड़ी वाले ट्रक के पास मंडराते रहते है। कई खुराफाती लोग चांवल के बोरे में बम्बू मारकर चांवल चोरी कर ले जाते है। इससे मिल मालिकों को कैफियत देनी पड़ जाती है। सुभाष सिंह ने बताया कि एक दिन एक्ट्रा गाड़ी रूकने से ट्रक व्यवसायी को 1500 रूपये अतिरिक्त किराया देना पड़ता है। इससे न केवल मिल मालिकों को आर्थिक परेशानी हो रही है। उन्हें बेवजह दो-दो, चार-चार दिन रूकने से खाना खर्च बढ़ जाने से रूपये पैसों का टोटा झेलना पड़ रहा है। इसी तरह अन्य ड्राइव्हरों ने बताया कि राजनांदगांव को संस्कारधानी नगरी कही जाती है, यहां सेवाभावी लोग रहते है। उनकी यदि कृपा दृष्टि हो जाए तो हम ड्राइव्हर-कण्डक्टरों के रूकने के लिए व्यवस्था करवा दे, भोजन-पानी की व्यवस्था करवा दे तो बड़ा धन्य होगा।