आसमान छूती ट्यूशन फीस लेने के बावजूद भारतीय विदेश में पढ़ाई करना पसंद करते हैं. लेकिन कई ऐसे यूरोपीय देश हैं, जो भारतीय छात्रों को मुफ्त या रियायती शिक्षा मुहैया कराते हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक केंद्र सरकार (Central Government) के अनुसार, विदेशी विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने वाले भारतीयों की संख्या वर्ष 2021 में 4.44 लाख से बढ़कर वर्ष 2022 में 7.5 लाख हो गई है. यूरोपीय देश अंतरराष्ट्रीय छात्रों से शिक्षण शुल्क की मांग नहीं करते हैं, वे प्रशासनिक शुल्क (जो 22078 रुपये/सेमेस्टर के आसपास हो सकता है) श्रेणी के तहत अपेक्षाकृत कम राशि ले सकते हैं. यहां हम आपको उन देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भारतीय छात्रों को सस्ती शिक्षा मुहैया कराई जाती है.
जर्मनी (Germany)
यूरोपीय देशों में जर्मनी सबसे लोकप्रिय राष्ट्र बना हुआ है क्योंकि भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में कुल 34,864 भारतीय छात्र जर्मनी में उपस्थित थे. दिलचस्प बात यह है कि जर्मनी ने 2014 में ट्यूशन फीस को समाप्त कर दिया, इसलिए उच्च शिक्षा डिग्री घरेलू और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए नि: शुल्क रहती है.
जर्मनी में भारतीय छात्रों के रहने की लागत लगभग €934 (लगभग 80,000 रुपये) है. साथ ही, जर्मनी में अंतर्राष्ट्रीय छात्र अपनी पढ़ाई के दौरान 120 दिनों के लिए पूर्णकालिक या 240 आधे दिनों के लिए अंशकालिक काम कर सकते हैं. ग्रेजुएट लेवल की पढ़ाई के बाद वे उसी क्षेत्र में नौकरी की तलाश के लिए 18 महीने तक देश में रहने के लिए आवेदन कर सकते हैं, जहां उनकी उच्च डिग्री हुई है.