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PM मोदी के ‘मन की बात’ के 23 करोड़ नियमित श्रोता, सर्वे में आया सामने, 33 भाषाओं में होता है प्रसारण

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को दुनियाभर में सराहा गया है, तो वहीं इसने श्रोताओं की संख्या में भी रिकॉर्ड कायम कर लिया है. 100 वें एपिसोड से पहले आईआईएम सर्वेक्षण में सामने आए आंकड़ों में ‘मन की बात’ 100 करोड़ श्रोताओं तक पहुंच गई है. ‘मन की बात’ के 23 करोड़ नियमित श्रोता हैं और 96% आबादी इस प्रसिद्ध रेडियो कार्यक्रम से अवगत है.

भारतीय प्रबंधन संस्थान-रोहतक द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई. ‘मन की बात’ की 100वीं कड़ी का प्रसारण इस रविवार को किया जाएगा. सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम मोबाइल फोन के बाद टेलीविजन चैनलों पर अधिक सुना जाता है, जिसमें रेडियो श्रोताओं की संख्या कुल श्रोताओं का 17.6 प्रतिशत है. इसमें पाया गया कि 100 करोड़ से अधिक लोगों ने कम से कम एक बार कार्यक्रम को सुना है, जबकि लगभग 41 करोड़ सामयिक श्रोता थे.

44.7 प्रतिशत टेलीविजन, 37.6 प्रतिशत मोबाइल पर श्रोता
आईआईएम-रोहतक के निदेशक धीरज पी. शर्मा ने सोमवार को यहां संवाददाताओं को बताया, “कुल श्रोताओं में से 44.7 प्रतिशत टेलीविजन सेट पर कार्यक्रम सुनते हैं, जबकि 37.6 प्रतिशत मोबाइल फोन पर इसे सुनते हैं.” प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने कहा कि 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा, ‘मन की बात’ फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली जैसी 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित किया जाता है.

उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम के 10,003 लोगों के सर्वे में जवाब
द्विवेदी ने कहा कि कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों द्वारा किया जा रहा है. आईआईएम-रोहतक के छात्रों द्वारा किए गए सर्वेक्षण में चार क्षेत्रों – उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम – और विभिन्न आयु समूहों में 10,003 उत्तरदाताओं से संपर्क किया गया, जिनमें से अधिकांश स्व-रोजगार और अनौपचारिक क्षेत्र से जुड़े थे. सर्वेक्षण में पाया गया कि 18 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कार्यक्रम को अंग्रेजी में, चार प्रतिशत ने उर्दू में, और दो प्रतिशत डोगरी और तमिल में सुनना पसंद किया.

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