छत्तीसगढ़ के बस्तर में पर्यटन के क्षेत्र में एक के बाद एक नई पहल की जा रही है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में अब कायाकिंग की शुरुआत की गई है। प्रति व्यक्ति 100 रुपए का टिकट लेकर पर्यटक इसका लुत्फ उठा सकते हैं। अब इस नई पहल से बस्तर आने वाले पर्यटकों को एक नया रोमांच का अनुभव मिलेगा। इससे पहले केरल की तर्ज पर बैंबू राफ्टिंग की शुरुआत भी की गई थी। जिसका अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पास धूड़मारास में ईको-विकास समिति ने कायाकिंग की शुरुआत की है। धूड़मारास से लगे कांगेर नदी में इसकी शुरुआत हुई है। कयाकिंग के लिए पर्यटकों को दरभा रोड से पेदावाड़ा बैरियर से होते हुए धूड़मारास पहुंच सकते हैं। पर्यटकों को अब रोमांच के साथ कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के प्रकृति एवं जैव-विविधता को देखने का मौका मिलेगा। साथ ही पर्यटकों के रुकने के लिए स्थानीय युवा होम स्टे का संचालन भी कर रहे है।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया कि बस्तर के इको-पर्यटन में कायाकिंग का अनुभव एक नया आयाम जोड़ेगा। स्थानीय समुदाय ने इसके संचालन के लिए पहल की है। उन्होंने कहा कि, कांगेर घाटी पर्यटन के लिहाज से बेहद खूबसूरत जगह है। यहां इससे पूर्व भी पर्यटन को लेकर कई पहल की जा चुकी है।