Home देश world sickle cell day 2023: क्या है सिकल सेल बीमारी, RBC को...

world sickle cell day 2023: क्या है सिकल सेल बीमारी, RBC को कैसे करती है प्रभावित, लक्षण दिखें तो हो जाएं अलर्ट

86
0

देशभर में हर साल 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस मनाया जाता है. इसको मानाने का उद्देश्य इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है. सिकल सेल बीमारी सामान्यता उन लोगों में देखने को मिलती है जो अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, कैरिबियन द्वीप, मध्य अमेरिका, सऊदी अरब, भारत और भूमध्यसागरीय देशों जैसे- तुर्की, ग्रीस और इटली में रहते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो हर वर्ष करीब 3 लाख से अधिक बच्चे हीमोग्लोबिन बीमारी के गंभीर रूपों के साथ पैदा होते हैं, जिसमें थैलेसीमिया और सिकल सेल बीमारी शामिल है. दुनिया की करीब 5 प्रतिशत आबादी ऐसी है जो सिकल सेल बीमारी की स्वस्थ वाहक (हेल्दी कैरियर) है. आइए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कैलाश सोनी से जानते हैं बीमारी के बारे में.

कब और कहां से हुई शुरुआत?

संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने साल 2008 में पहली बार वर्ल्ड सिकल सेल डे मनाने की शुरुआत की थी, ताकि इस बीमारी को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में पहचान मिल सके. साथ ही इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ सके. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक रूप से 19 जून को वर्ल्ड सिकल सेल जागरूकता दिवस के रूप में मनाना शुरू कर दिया.

सिकल सेल खून से जुड़ी एक बीमारी है, जो शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं (rbc) को प्रभावित करती है. यह बीमारी आमतौर पर पैरेंट्स से बच्चों में वंशानुगत मिलती है. आमतौर पर लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन होता है, लेकिन जिन लोगों को सिकल सेल बीमारी होती है उनकी लाल रक्त कोशिकाओं में ज्यादातर हीमोग्लोबिन एस होता है, जोकि हीमोग्लोबिन का असामान्य प्रकार है. इस कारण लाल रक्त कोशिकाओं का आकार बदल जाता है और वे सिकल शेप (अर्धचन्द्राकार आकार) के बन जाते हैं. चूंकि सिकल के आकार वाली ये लाल रक्त कोशिकाएं छोटी-छोटी रक्त धमनियों से गुजर नहीं पातीं इसलिए शरीर के उन हिस्सों में बेहद कम खून पहुंचता है. जब शरीर के किसी ऊतक तक सामान्य खून नहीं पहुंचता तो वह हिस्सा क्षतिग्रस्त होने लगता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here