Home देश लॉन्च के लिए इसरो ने चंद्रयान-3 को रॉकेट में किया फिट, जानें...

लॉन्च के लिए इसरो ने चंद्रयान-3 को रॉकेट में किया फिट, जानें पिछले मिशन से क्‍या है खास

94
0

चंद्रयान-3 मिशन को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इसी कड़ी में बुधवार को चंद्रयान-3 को रॉकेट में तैनात कर दिया गया है. इसरो की तरफ से तैयारियों के संबंध में एक वीडियो शेयर किया गया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक बड़े से ट्रक में चंद्रयान आंद्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्‍पेस स्‍टेशन पहुंच गया है. इसके बाद इसे रॉकेट के साथ जोड़ा गया. पीएसएलवी-एमके3 रॉकेट के माध्‍यम से इसे चंद्रमा पर भेजने की तैयारी पूरी हो गई है.

इसरो के मुताबिक 12 से 19 जुलाई के बीच चंद्रयान-3 को पृथ्‍वी से लॉन्च किया जाएगा. इसकी स्‍टीक तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. 13 जुलाई को अबतक संभावित तारीख बताया जा रहा है. चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही फॉलोअप है. पिछले मौके पर चंद्रयान चंद्रमा की धरती पर लैंड होते वक्‍त हादसे का शिकार हो गया था. पिछले मिशन की तमाम चीजें सटीक बैठी थी लेकिन अंतिम वक्‍त पर मिशन फेल हो गया था. यही वजह है कि पिछली गलतियों से सीखते हुए चंद्रयान-3 मिशन को अब लॉन्च किया जा रहा है.

क्‍या है चंद्रयान मिशन का मकसद?
चंद्रयान मिशन के तहत इसरो की कोशिश चंद्रमा के दक्षिणी हिस्‍से की जांच करने की है. यह मिशन चंद्रमा पर पड़ने वाली रौशनी और वहां मौजूद रेडिएशन की जांच करेगा. इसके अलावा चांद पर तापमान और थर्मल कंडक्टिविटी का भी पता लगाया जाएगा. साथ ही चंद्रमा पर आने वाले भूंकप का अध्‍ययन करना भी इस मिशन का मकसद है. चंद्रयान-3 वहां प्‍लाज्‍मा के घनत्‍व और उसके बदलावों की जांच करेगा

चंद्रयान-2 से इस मिशन में क्‍या है अलग?
चंद्रयान-2 में रौकेट के माध्‍यम से तीन चीजें भेजी गई थी. पहला- ऑर्बिटर जिसका काम चंद्रमा की कक्षा में रहते हुए आसमान में उसके चक्‍कर लगाना है. दूसरा- लैंडर, जिसकी मदद से चंद्रयान मिशन चांद की धरती पर सुरक्षित लैंड करेगा. तीसरा- रोवर, जो एक चार पहिया चलने वाली गाड़ी है. यह गाड़ी चंद्रमा पर चलते हुए वहां खोजबीन का काम करेगी. चंद्रयान-3 में लैंडर और रोवर तो हैं लेकिन इस बार ऑर्बिटर को नहीं भेजा जा रहा है. इसरो का कहना है कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर सफलता पूर्वक अभी भी चांद के चक्‍कर काट रहा है. इसी ऑर्बिटर का इस्‍तेमाल तीसरे मिशन के दौरान भी किया जाएगा.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here