विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने छत्तीसगढ़ के नए सीएम के रूप में बुधवार (13 दिसंबर) को शपथ ले ली. अरुण साव (Arun Sao) और विजय शर्मा (Vijay Sharma) ने डिप्टी सीएम के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली. राज्य की कमान संभालने के बाद जहां उन्हें बीजेपी की उम्मीद पर खरा उतरना होगा वहीं चुनाव के दौरान बीजेपी द्वारा जनता से किए गए वादे भी पूरे करने होंगे. ऐसे में विष्णु देव के सामने कई चुनौतियां होंगी जिनका सामना उन्हें अगले पांच साल करना होगा.
पार्टी दिग्गजों के बीच तालमेल बिठाना
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने ‘संकल्प पत्र’ में वादों की बौछार की थी लेकिन धरातल पर अब सीएम विष्णु देव साय और उनके कैबिनेट सहयोगियों को पूरा करना होगा. बता दें कि साय पूर्व में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाली है लेकिन उनके पास सरकार चलाने का अनुभव नहीं है. ऐसे में पार्टी के दिग्गजों के साथ सरकार चलाना और उनके साथ तालमेल बिठाना पहली चुनौती होगी.
चुनावी वादे पूरे करना
बीजेपी ने सब्सिडाइज्ड रेट पर गैस सिलेंडर देने से लेकर प्रधानमंत्री आवास को लेकर बड़ा वादा किया है. खुद विष्णु देव साय भी कह चुके हैं कि उनकी सरकार का पहला काम 18 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास मुहैया कराने की दिशा में काम करना होगा. अब यह देखना महत्वपूर्ण है कि वह इस वादे को कब तक पूरा कर पाते हैं. बीजेपी ने राज्य के किसानों को धान के प्रति क्विंटल 3100 रुपये देने, किसानों को बोनस देने, 5500 रुपये प्रति बोरा तेंदुपत्ता खरीदने, 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराने, भूमिहीन मजदूरों को सालाना 10 हजार रुपये देने और 500 रुपये में घरेलू गैस सिलेंडर देने की बात कही थी. छत्तीसगढ़ की जनता ने ‘सकल्प पत्र’ के वादों के आधार पर भी बीजेपी वोट दिया है. ऐसे में हर हाल में बीजेपी को जनता की उम्मीदों को पूरा करना है. बीजेपी के प्रतिनिधि होने के नाते इसका पूरा भार विष्णु देव साय पर होगा.
विरोधियों से निपटना
बता दें कि बीजेपी ने इस चुनाव में पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. चाहे वह कथित गोबर घोटाला हो या शराब घोटाला या फिर महादेव सट्टा ऐप घोटाला, इन सभी को लेकर बीजेपी, कांग्रेस पर हमलावर रही है. अब चूंकि बीजेपी सत्ता में आई है तो सीएम विष्णु देव साय को फूंक-फूंक कर कदम रखने होंगे ताकि वह अपनी सरकार को भ्रष्टाचार के दाग से दूर रख सकें. क्योंकि एक गलती और विपक्ष उनपर हमलावर हो जाएगा.