छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग तीन माह में निराकृत करें द्वितीय अपील- हाईकोर्ट
मामला नगर पालिक निगम राजनांदगॉव का
माननीय हाईकोर्ट बिलासपुर ने छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग को स्पष्ट तौर पर आदेश पारित किया कि वह प्रस्तुत द्वितीय अपील का निराकरण 3 माह के भीतर करे.
लव कुमार रामटेके अधिवक्ता छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नगर पालिका निगम राजनांदगांव से जानकारी प्राप्ति हेतु प्रथम आवेदन 25 अक्टूबर 2023 को लगाया था जिस पर जन सूचना अधिकारी नगर पालिक निगम राजनांदगांव ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जानकारी उपलब्ध नहीं करने से व्यथित होकर आवेदक अभी तकनीक 28 अक्टूबर 2023 को प्रथम वीर प्रस्तुत की अपील में जानकारी 15 दिवस के भीतर दिए जाने हेतु जन सूचना अधिकारी को आदेश दिया गया.
किंतु जन सूचना अधिकारी द्वारा निर्धारित समय व्यतीत हो जाने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई जिससे व्यथित होकर आवेदकने द्वितीय अपील छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग को दिनांक 2 फरवरी 2024 को प्रस्तुत की छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने अपील पंजीयन के पश्चात सुनवाई हेतु 5 नवंबर 2024 की तारीख दी.
इतनी लंबी लगभग 1 वर्ष की बात की तिथि दिए जाने से व्यथित होकर आवेदक ने माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के समक्ष याचिका का प्रस्तुत की और माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए न्यायालय को अवगत कराया की सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सामान्य जानकारी 30 दिनों के भीतर दिए जाने का प्रावधान है
किंतु यदि 30 दिनों के भीतर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो आवेदक प्रथम अपील प्रस्तुत कर सकता है और प्रथम अपील में भी जानकारी न प्राप्त हो तो आवेदक राज्य सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील प्रस्तुत कर सकता है अपील निराकरण के संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में स्पष्ट प्रावधान है की अपील का निराकरण 30 से 45 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए. किंतु राज्य सूचना आयोग अत्यधिक प्रकरण होने का हवाला देते हुए सुनवाई तिथि कभी 6 मा तो कभी एक वर्ष और कभी-कभी तो एक से अधिक की भी तारीख दी जाती है.
श्री लव कुमार रामटेके अधिवक्ता ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का मुख्य उद्देश्य किसी प्रकार की जानकारी को आवेदक को तत्काल अथवा अधिकतम 30 दिनों के भीतर उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान किंतु जानकारी समय पर नहीं मिलने से चाही गई जानकारी का कोई उचित नहीं रह जाता इसकी जानकारी निर्धारित समय में मिल जानी चाहिए जिससे आवेदक को मुक्त जानकारी का आत्मा चाही गई जानकारी का उपयोग करने में आसानी हो किंतु सामान्य देखा जाता है कि आवेदन और प्रथम अपील का निराकरण तो निश्चित समय में हो जाता है
किंतु राज्य सूचना आयोग में जाकर मामला 2 वर्ष 4 वर्ष और कभी-कभी तो अधिक समय के लिए विलंबित हो जाता है जिससे प्रथम तो आवेदक हताश हो जाता है और कितनी लंबी लड़ाई वह नहीं लड़ पता है दूसरी बात यदि लंबी लड़ाई लड़कर वह जीत भी जाता है या उसे चाहे कोई जानकारी मिल भी जाती है तो उसे जानकारी का 2 साल या 4 साल के बाद औचित् समाप्त हो जाता है.
यदि छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में किसी भी आवेदक या अपीलार्थी के आवेदन लंबित हो या वे जल्दी सुनवाई कराना चाहते हैं तो भी सीधे माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका प्रस्तुत कर सकते हैं, और अपनी पीड़ा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष रख सकते हैं और अपील की त्वरित निराकरण की मांग कर सकते हैं. जैसा की हमने नगरपालिका निगम राजनंदगांव के इस प्रकरण ने किया है.