ट्रेनों में सफर के दौरान कंफर्म टिकट लेकर यात्रा करने वालों उस समय परेशानी होती है, जब दूसरी श्रेणी का टिकट लेकर यात्री सवार हो जाता है. खासकर त्यौहारी सीजन में हालात और खराब हो जाते हैं. कई बार कंफर्म टिकट यात्री को सीट तक नहीं मिल पाती है. यात्रियों को इस परेशानी से राहत देने के लिए भारतीय रेलवे ने खास अभियान चला रखा है, जिससे यात्रियों के साथ-साथ रेलवे को भी फायदा हो रहा है.
पूर्व मध्य रेलवे उचित टिकट के साथ यात्रा न करने वाले यात्रियों पर कड़ी नजर रखे हुए है और इसके रोकथाम के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. जिससे उचित टिकट के साथ यात्रा करने वाले (मसलन कंफर्म टिकट) यात्रियों को किसी प्रकार की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े. ऐसे यात्रियों के कारण एक ओर जहां उचित टिकट लेकर यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वहीं दूसरी ओर रेल राजस्व की भी हानि होती है.
पूर्व मध्य रेल के पांचों मंडलों में अधिकारियों की अलग-अलग टीम बनाकर स्टेशन एवं ट्रेनों में विशेष टिकट जांच अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के तहत 1 अप्रैल से 14 मई तक अनियमित यात्रा के कुल 04 लाख 87 हजार 600 मामले पकड़े गए, जिनसे जुर्माने के रूप में लगभग 31 करोड़ 55 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ.
जांच अभियान के दौरान दानापुर मंडल में लगभग 1 लाख 23 हजार लोगों को बिना टिकट/उचित टिकट (प्राधिकार) के पकड़ा गया. इन यात्रियों से जुर्माने के रूप में 7.67 करोड़ रुपये राजस्व के रूप में वसूला गया. इसी तरह सोनपुर मंडल में 01 लाख 12 हजार लोगों से 07.32 करोड़ रुपये, पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 86 हजार 500 लोगों से 5.45 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया. जबकि समस्तीपुर मंडल में 01 लाख से अधिक लोगों को बिना टिकट/उचित प्राधिकार के यात्रा करते हुए पकड़ा गया, जिसने 7.46 करोड़ रुपये तथा धनबाद मंडल में 65 हजार से अधिक लोगों से 3.69 करोड़ की राशि रेल राजस्व के रूप में प्राप्त हुई.