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हॉन्ग कॉन्ग में बैठकर हिला रहे थे भारतीय शेयर मार्केट, NSE ने पूछा सवाल तो मिला एक सा जवाब

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हॉन्ग कॉन्ग के 3 हेज फंड को एनएसई ने नोटिस भेजा है. यह नोटिस गलत ट्रेड प्रैक्टिस के संदेह में भेजा गया है. इस पर तीनों फंड्स ने जवाब भी दे दिया है. तीनों का जवाब लगभग एक जैसा ही है. हेज फंड्स को नोटिस भेजे जाने की सूचना सूत्रों के हवाले से मिली है. इन फंड्स में से एक का नाम सेबेस बेफुट लिमिटेड है. बाकी 2 का नाम नहीं पता चल सका है. सेबेस बेफुट कैटेगरी 2 का एफपीआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) है.

सेबेस बेफुट के मामले में कहा जा रहा है कि इसने अपनी ट्रेडिंग पोजिशन को बहुत जल्दी-जल्दी बदला. जब भी यह बदलाव हुए तब का ट्रेड प्राइस पिछले ट्रेड प्राइस या तो बहुत अधिक था या बहुत कम. लेकिन हैरानी की बात यह है इन ट्रेड्स के बदलाव के बीच का अंतराल बहुत कम है. वहीं, बाकी 2 फंड्स पर संदेह है कि उन्होंने सिंक्रोनाइज्ड ट्रेडिंग की. उन्होंने एक खास टाइम पर ट्रेड पूरा करने के लिए पहले से ऑर्डर लगाया हुआ था.

क्या आया जवाब
एनएसई को तीनों ही फंड्स से जवाब मिल गया है. सूत्रों के अनुसार, तीनों का कहना है कि ये मशीन आधारित ट्रेड थे और इसमें मानवीय हस्तक्षेप बिलकुल नहीं था. साथ ही फंड्स ने यह भी कहा है कि इस मामले की जांच की जा रही है. बकौल फंड्स, “एल्गो किसी भी ट्रेड के लिए अलग तरह का डेटा सेट इस्तेमाल करते हैं ताकि वह रणनीतिक रूप से किसी नतीजे पर पहुंच सके. इसमें किसी भी तरह की दुर्भावना का होना संभव नहीं लगता है.”

क्यों महत्वपूर्ण है ये मामला
भारतीय मार्केट पर इस समय पूरी दुनिया की नजर है. यह दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते मार्केट्स में से एक है. कई बार विदेशी निवेशक भारतीय मार्केट में घरेलू निवेशकों के प्रतिद्वंदी के रूप में काम करने लग रहे हैं. यूके आधारित एक प्रोपरराइटी ट्रेडर जेन स्ट्रीट और मिलेनियम मैनेजमेंट के बीच चल रहा कानूनी विवाद इसका एक उदाहरण है. जेन स्ट्रीट ने मिलेनियम मैनेजमेंट पर यह आरोप लगाते हुए केस कर दिया है कि मिलेनियम ने निफ्टी ऑप्शन में उनकी गुप्त ट्रेडिंग स्ट्रेटजी को चुराया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में जेन स्ट्रीट ने इसी स्ट्रेटजी के बल पर 1 अरब डॉलर का प्रॉफिट बना लिया था

क्यों महत्वपूर्ण है ये मामला
भारतीय मार्केट पर इस समय पूरी दुनिया की नजर है. यह दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते मार्केट्स में से एक है. कई बार विदेशी निवेशक भारतीय मार्केट में घरेलू निवेशकों के प्रतिद्वंदी के रूप में काम करने लग रहे हैं. यूके आधारित एक प्रोपरराइटी ट्रेडर जेन स्ट्रीट और मिलेनियम मैनेजमेंट के बीच चल रहा कानूनी विवाद इसका एक उदाहरण है. जेन स्ट्रीट ने मिलेनियम मैनेजमेंट पर यह आरोप लगाते हुए केस कर दिया है कि मिलेनियम ने निफ्टी ऑप्शन में उनकी गुप्त ट्रेडिंग स्ट्रेटजी को चुराया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में जेन स्ट्रीट ने इसी स्ट्रेटजी के बल पर 1 अरब डॉलर का प्रॉफिट बना लिया था.

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