अंबागढ़ चौकी भारतीय बौद्ध महासभा ग्राम बिहारी कला के तत्वाधान में धम्म चक्र बौद्ध विहार समिति व बौद्ध उपासक व उपाशिकाओ की उपस्थिति में बुद्ध जयंती बड़े ही धूमधाम से बनाई गई.
सर्वप्रथम समाज के अध्यक्ष हमीर लाल मेश्राम पंचशील झंडे का ध्वजारोहण किया तत्पश्चात समाज के उपासक , उपाशिकाओं द्वारा पूजा हाल में सामूहिक त्रिशरण पंचशील वंदना की गई। कार्यक्रम डॉक्टर टीकाराम बोरकर ने तथागत बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डालते हुए त्रिगुणी वैशाख पूर्णिमा के महत्व को समझाते इसी दिन राजकुमार सिद्धार्थ का कपिलवस्तु लुम्बनी पे जन्म हुआ व इसी दिन उरुवेला पे बोधी वृक्ष के नीचे बुद्धत्व प्राप्त हुआ व इसी दिन तथागत भगवान गौतम बुद्ध कुशीनगर में महापरिनिर्वाण हुआ तीनों घटनाओं के कारण वैशाख पूर्णिमा को त्रिगुणी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।
विश्व कल्याण के प्रणेता शांति के अग्रदूत स्वतंत्रता क्षमता वह भाईचारा यही है बुद्ध धम्म का नारा के साथ संध्याकालीन समारोह में परित्राण पाठ कर शांति का संदेश देते हुए मोमबत्ती रैली ग्राम में भ्रमण कर प्रसाद वितरण व भोजन का कार्यक्रम के साथ समारोह की समाप्ति की गई।
समारोह में उपासक उपासिका उपस्थित रहे पन्नालाल मेश्राम, शगन सोनटेके, धरमपाल मेश्राम, संजय मेश्राम, योगेंद्र रामटेक, भूषण गायकवाड, मनराखन बोरकर, विशाल बोरकर, तुषार मेश्राम, आशीष मेश्राम, सुभम घरड़े, महेन्द्र रामटेके, माधुरी रामटेक, कांता मेश्राम, सरला सेन्डे, रंजना गायकवाड, तारा मेश्राम, संध्या बोरकर, यमला दामले, जानबाई मेश्राम, शांता सावलकर, दशरथ मेश्राम, धीरज रामटेके, मयंक बारसागड़े, चिराग बोरकर, एवं समस्त बौद्ध समाज उपस्थित रहें।