लोकसभा चुनाव के अधिकांश एग्जिट पोल ने ‘फिर एक बार मोदी सरकार’ की भविष्यवाणी कर दी है. एग्जिट पोल की मानें तो भारत में तीसरी बार मोदी सरकार की पूरी संभावना है. कई एग्जिट पोल ने तो भाजपा के ‘अबकी बार 400 पार’ के नारे पर भी मुहर लगा दी है. हालांकि, 4 जून को लोकसभा चुनाव के फाइनल नतीजे आएंगे. इस बीच लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत की संभावना को चीन भी पॉजिटिव मान रहा है. चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने नरेंद्र मोदी के एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने पर भारत-चीन की दोस्ती की संभावना जताई है. यहां बताना जरूरी है कि ग्लोबल टाइम्स चीन की जिनपिंग सरकार का आधिकारिक समाचार पत्र है. ग्लोबल टाइम्स के विचारों को चीन का विचार माना जाता है. ऐसे में एक्सपर्ट्स के हवाले से ग्लोबल टाइम्स का यह लेख काफी अहम है.
दरअसल, चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने अपने आर्टिकल में लिखा है कि पीएम मोदी के सत्ता में फिर से आने से भारत और चीन के बीच रिश्ते भी सुधरेंगे. ग्लोबल टाइम्स ने चीनी एक्सपर्ट्स के हवाले से लिखा कि नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से भारत की विदेश नीति और कूटनीति और अधिक मजबूत होगी. एग्जिट पोल को लेकर विश्लेषकों का मानना है कि नरेंद्र मोदी की जीत से भारत की समग्र घरेलू और विदेश नीतियां जारी रहेंगी. पीएम मोदी से भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों को जारी रखने की उम्मीद है. यहां बताना जरूरी है कि ग्लोबल टाइम्स में चीनी सरकार के मर्जी के बगैर कुछ भी नहीं लिखा जाता है.
इस बार नहीं होगा टकराव
वहीं, भारत-चीन संबंधों को लेकर चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनते हैं तो चीन और भारत के बीच इस बार टकराव बढ़ने की संभावना नहीं है. बता दें कि गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच टकराव काफी बढ़ गया है. फुडान यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के डिप्टी डायरेक्टर लिन मिनवांग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा, ‘चीन और जापान-ऑस्ट्रेलिया जैसे अमेरिकी सहयोगियों सहित कई देशों के बीच संबंध अब सुधर रहे हैं. इसके मद्देनजर भारत यह सवाल उठा सकता है कि चीन-भारत संबंधों में अब तक कोई सुधार या सहजता क्यों नहीं दिख रही है.’
भारत-चीन संबंधों में होगा सुधार?
अखबार के मुताबिक, चीन भारत के साथ संबंधों को सक्रिय रूप से बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है. चीनी पक्ष का मानना है कि स्थिर द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना दोनों पक्षों (भारत और चीन) के हित में है. विश्लेषकों का कहना है कि अगर भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले कार्यकाल में चीन के साथ मिलकर काम कर सकता है, तो इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार का मार्ग प्रशस्त हो सकता है.’ बता दें कि 4 जून को लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आएंगे. अभी तक जितने भी बड़े एग्जिट पोल हैं, सबने एनडीए की जीत की भविष्यवाणी की है.