भारत में बैंक फ्रॉड (Bank Fraud) के मामले लगातार बढ रहे हैं. एक साल में बैंक धोखाधड़ी के मामलों में करीब तीन गुना तक का इजाफा हो गया है. भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2024 में 36,075 मामले सामने आए, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 13,564 था. वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 में पिछले तीन साल के मुकाबले लोगों के साथ होने वाले बैंक फ्रॉड के मामलों में लगभग चार गुने की वृद्धि हुई है लेकिन इनसे होने वाला नुकसान एक तिहाई हो गया है. इंडियन बैंक एसोसिएशन (Indian Banks’ Association) ने अब देश में बढ रहे बैंक फ्रॉड को लेकर कहा है कि ठग बैंकिंग सिस्टम को नहीं भेद पा रहे. वे थर्ड पार्टी ऐप्लिकेशंस और अन्य तरीकों से ही लोगों को चूना लगा रहे हैं.
भारतीय बैंक संघ के अध्यक्ष एम वी राव (IBA chairman M V Rao) ने कहा कि जब आप इन धोखाधड़ी के मूल कारण पर गौर करते हैं, तो पाते हैं कि ये बैंक सिस्टम में सेंध लगाकर नहीं किए गए हैं, बल्कि बैंक ग्राहकों के साथ किसी ओर तरीके से धोखाधड़ी की है. तरीका जो भी हो, आखिरकार नुकसान बैंक ग्राहक को ही होता है. राव ने कहा कि यह बैंकरों और बैंकिंग उद्योग पर निर्भर करता है कि वे देखें कि वे ग्राहकों के हितों की रक्षा कैसे कर सकते हैं.
चुप न बैठें ग्राहक
एमवी राव ने ऑल इंडिया बैंक एसासिएशन द्वारा स्थापित किए गए ऑनलाइन ‘बैंक क्लिनिक’ के अनावरण समारोह में कहा कि बैंक फ्रॉड का शिकार होने पर ग्राहक को चुप नहीं बैठना चाहिए. उसे बैंक से संपर्क करके धोखाधड़ी की जानकारी देनी चाहिए. उन्होंने बैंक फ्रॉड के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि फ्रॉड के शुरुआती घंटे ऐसे मामलों को सुलझाने में काफी अहम होते हैं. इसलिए ग्राहकों को फ्रॉड की सूचना बैंक और पुलिस को तुरंत देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की शिकायत के लिए नेशनल साइबर रिपोर्टिंग पोर्टल और नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ स्थापित किया गया.
हर साल बढ़ रहे हैं बैंक फ्रॉड
भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में लोगों से बैंक धोखाधड़ी के 36,075 मामले हुए. इस धोखाधड़ी के कारण लोगों का ₹13,930 करोड़ का नुकसान हुआ है. अगर इसकी तुलना 2021-22 से की जाए तो धोखाधड़ी के मामले चौगुने हो गए हैं. 2021-22 में 9,046 जबकि 2022-23 में धोखाधड़ी के कुल 13,564 मामले सामने आए थे.