रायबरेली में राहुल गांधी की सुनामी, करीब 4 लाख 5 हजार वोटों से जीते
Raebareli Chunav Result 2024: उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी राहुल गांधी ने बड़ी जीत दर्ज की हैं. राहुल गांधी ने बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह को चार लाख से अधिक वोटों से हराया.
रायबरेली. यूपी की हाई-प्रोफाइल लोकसभा सीटों में से एक रायबरेली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सुनामी देखने को मिली. राहुल गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट को बड़े अंतर से कांग्रेस की झोली डाला. राहुल गांधी ने बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह को चार लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया. राहुल गांधी केरल के वायनाड से भी जीते हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि वे किस सीट को छोड़ते हैं.
लोकसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजों पर तो सबकी नजर है, लेकिन उत्तर प्रदेश की एक सीट जिसको लेकर पोलिटिकल एक्सपर्ट चर्चा कर रहे हैं वो रायबरेली है. चुनाव के शुरुआत में राहुल गांधी अमेठी और प्रियंका गांधी वाड्रा के रायबरेली से चुनावी समर में उतरने की चर्चा थी.
केरल के वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के बाद राहुल गांधी उत्तर प्रदेश पहुंचे और फिर ऐलान हुआ कि वे अपनी माताजी सोनिया गांधी की छोड़ी सीट रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे. किसी भी एग्जिट पोल में इस बात की शंका नहीं जाहिर की गयी है कि वे हार रहे हैं. लेकिन हर कोई जनना चाहता है कि वे कितने वोटों से जीत रहे हैं.
दरअसल, अमेठी और रायबरेली सीट का सीधा नाता गांधी परिवार से हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में उस वक्त गांधी परिवार को झटका लगा, जब राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए. हार का अंतर भी करीब 55 हजार वोटों का था. लिहाजा इस बार स्मृति ईरानी के खिलाफ अमेठी लोक सभा सीट पर कांग्रेस से गांधी परिवार की जगह उस प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया जो दशकों से चुनाव प्रबंधन का काम देखते चले आ रहे थे. किशोरी लाल शर्मा अमेठी से मैदान में हैं.
वजह साफ है अगर किशोरी लाल जीते तो कांग्रेस यह सन्देश देगी कि अमेठी में हम गांधी परिवार के अलावा किसी को भी खड़ा कर दें जीत उसी की होगी.
राहुल गांधी को रायबरेली में में दिनेश प्रताप सिंह टक्कर दे रहे हैं, जो कभी गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे और उनके निवास पंचवटी से ही किसी भी चुनाव की रणनीति बना करती थी. पांच भाइयों वाले इस परिवार में उनका निवास पंचवटी आज भी रायबरेली में अपना अस्तित्व बनाये हुए हैं. पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 में भी सोनिया गांधी के खिलाफ बीजेपी की तरफ से दिनेश प्रताप सिंह चुनाव लड़े थे और सोनिया गांधी की जीत का अंतर कम किया था.