Bilaspur News: कड़े परिश्रम से बनाया नीम कारीडोर, ताकि राहगीरों को मिले शुद्ध आक्सीजन
बरम बाबा वाकिंग ग्रुप पिछले साल कर्नाटक से उत्तम किस्म के 50 नीम के बड़े पौधे मंगाए थे। यह सभी जीवत है। इस बार भी इतनी ही संख्या में पौधे लगाने की तैयारी है। इसके लिए उन्होंने नीम के 50 और पौधे कर्नाटक से मंगाया है।
पर्यावरण का महत्व तो कोई बरम बाबा वाकिंग ग्रुप से समझे। निस्वार्थ तन- मन व धन लगाकर शहरवासियों हरियाली के साथ शुद्ध आक्सीजन देने का प्रयास कर रहे हैं। इन्होंने तोरवा क्षेत्र में 500 पौधे लगाकर नीम कारीडोर तैयार किया।
उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है कि अब पौधे पेड़ बन चुके हैं। राहगीर इन पेड़ों की छांव कुछ पल सुकून का गुजारते हैं। इसके साथ शुद्ध आक्सीजन भी मिल रहा है। छह साल से पर्यावरण संरक्षण और राहगीरों को शुद्ध आक्सीज़न युक्त वातावरण उपलब्ध कराने के प्रति बरम बाबा वाकिंग ग्रुप कार्य कर रहा है।
गुरुनानक चौक, तोरवा मेन रोड से लाल खदान ओवरब्रिज तक और देवरी खुर्द रोड और बरम बाबा मंदिर रोड में पौधारोपण का कार्य जारी है। हालांकि इनके लिए पौधों में कुछ सड़क चौड़ीकरण के भेंट चढ़ गए।
लेकिन, शहर विकास का हिस्सा मानकर मन को तसल्ली दिए और अभी भी नियमित हरियाली बिछाने के कार्य में जुटे हुए हैं। तोरवा मेन रोड से गुजरते ही सड़क के दोनों ओर नीम के ही पेड़ देखे जा सकते हैं।
यह पेड़ वर्तमान में न केवल गर्मी में ठंडकता दे रहे हैं बल्कि आक्सीजन से आसपास के रहवासियों के अलावा राहगीरों को सेहत का ख्याल रख रहे हैं। पेड़- पौधों की सेवा उनकी देखभाल किसी चुनौती से कम नहीं है। इसे स्वीकार करते हुए ग्रुप के सदस्यों हर वह इंतजाम किया है, जो हरियाली के लिए जरुरी है।
बेहतर सिंचाई के लिए ग्रुप के सबसे सक्रिय सदस्य व उपाध्यक्ष संतोष निषाद ने एक छोटा हाथी वाहन की व्यवस्था की है। जिसमें दो हजार लीटर का टैंक रखा गया है। इस टैंक में पानी भरकर सदस्य पौधों में पानी डालते हैं।
वृक्ष है तो जीवन है समूह के अध्यक्ष इन्द्र जीत सिंह सोहल ही लगभग सारे खर्चों का वहन करते हैं। सचिव एल एन साहू, संयोजक अंबिकेशन साहू, कोषाध्यक्ष जीआर पटेल, मार्ग दर्शक ओम दिवानी व आनन्द देसार, सहयोगी सुशील कुमार सरकार, सुधाकर तिवारी, दिलीप कौशिक, रमेश मेघानी समेत अन्य सदस्य इस नेक कार्य में तन -मन व धन से लगे हैं।