महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में बुरी हार झेल रहे एनडीए के भीतर सिरफुटौव्वल शुरू हो गया है. राज्य में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए को केवल 17 सीटों पर ही जीत मिली है. इसमें भाजपा को नौ और शिवसेना को सात सीटें मिली हैं. एनसीपी अजित पवार गुट को केवल एक सीट मिली है.
इस बीच हार की नौतिक जिम्मेदारी लेते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी नेतृत्व के सामने पद छोड़ने की इच्छा जता दी. हालांकि पार्टी नेतृत्व ने अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया है. फडणवीस ने कहा कि वह उप मुख्यमंत्री का पद छोड़कर संगठन में काम करना चाहते हैं और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी करना चाहते हैं.
भाजपा का ओवर कंफिडेंस
फडणवीस के इस बायन पर एकनाथ शिंदे गुट के एक विधायक ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राज्य लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के पीछे बीजेपी के नेताओ का ओवर कंफिडेंस है. बीजेपी ओवर कंफिडेंस में थी कि मोदी के नाम पर सब हो जाएगा, पर ऐसा नहीं हुआ.
उम्मीदवारों को अंतिम समय में उतारा गया, जिसका नुकसान हुआ, महाविकास आघाड़ी ने उम्मीदवारों को दो महीने पहले ही उतर दिया था. संविधान में बदलाव का मुद्दा विपक्ष में बड़ा बनाया, उनको इसका फायदा हुआ. देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है, इस हार की जिम्मेदारी सबकी है. 48 सीटों वाले महाराष्ट्र में एनडीए के भीतर अंतिम समय तक औपचारिक रूप से सीटों का बंटवारा नहीं हो सका. भाजपा सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन सभी को बहुत बुरी हार झेलनी पड़ी.