पेपर लीक और गड़बड़ी के आरोपों के बीच NEET-UG, 2024 परीक्षा का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. छात्रों के एक समूह ने सर्वोच्च अदालत में याचिका दाखिल कर नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग की है. उधर, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने स्पष्ट किया कि परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि 5 मई को आयोजित नीट-यूजी परीक्षा में भारी पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी. उनके संज्ञान में कई ऐसे मामले आए हैं, जिनसे पता चलता है कि पेपर लीक हुअ था. पेपर लीक संविधान के तहत अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है. इसने कुछ उम्मीदवारों को दूसरों पर अनुचित लाभ दिया, जिन्होंने निष्पक्ष तरीके से परीक्षा देने का विकल्प चुना.
इस बीच NTA का भी जवाब आ गया है. एनटीए के एक वरिष्ट अधिकारी ने कहा, एनईईटी-यूजी में कट ऑफ और टॉपर्स की संख्या में वृद्धि परीक्षा कंपटीशन की वजह से आया है. 2023 में उम्मीदवारों की संख्या 20,38,596 थी, जबकि 2024 में यह बढ़कर 23,33,297 हो गई. इसकी वजह से स्वभाविक रूप से ज्यादा अभ्यर्थी होने की वजह से ज्यादा अंक पाने वाले छात्रों की संख्या ज्यादा रही. पंजाब और हरियाणा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं के बाद जांच की गई. 1,563 उम्मीदवारों को समय के नुकसान के लिए मुआवजा दिया गया था. ऐसे उम्मीदवारों के संशोधित अंक -20 से 720 अंक तक भिन्न थे. इनमें से ग्रेस मार्क्स के कारण दो उम्मीदवारों का स्कोर भी क्रमशः 718 और 719 है. अधिकारी ने कहा, हमने सीसीटीवी फुटेज की जांच की है. कहीं पर भी परीक्षा की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया गया है.